Ranchi : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्त की बेंच ने सुनवाई करते हुए ED को नोटिस जारी किया। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 6 मई तय की है।
इससे पहले हेमंत सोरेन की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि झारखंड हाई कोर्ट ने उनकी याचिका पर 28 फरवरी 2024 को सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं सुनाया है।
हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ 2 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था लेकिन पीठ ने उनसे राहत पाने के लिए हाई कोर्ट जाने के लिए कहा था। हेमंत सोरेन ने मामले में अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट के कहने पर 4 फरवरी को फिर से हाईकोर्ट गए और फिर 27-28 फरवरी को मामले की सुनवाई हुई लेकिन याचिका पर अब तक फैसला नहीं लिया गया है।
सोरेन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए
शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी याचिका में, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नेता ने उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना आदेश देने में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा की गई देरी पर प्रकाश डाला।
उन्होंने पहले अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने इस पर विचार करने से इनकार कर दिया था और उन्हें पहले झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया था।
राज्य में “माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध परिवर्तन” से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद सोरेन ने 31 जनवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। ईडी ने 23 जून 2016 को सोरेन, रंजन, नौ अन्य और तीन कंपनियों के खिलाफ पीएमएलए की धारा 45 के तहत मामले के संबंध में अभियोजन शिकायत दर्ज की।
सोरेन ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से इनकार किया है. हिरासत में लिए जाने से तुरंत पहले जारी एक वीडियो में उन्होंने दावा किया कि उन्हें एक साजिश के तहत “फर्जी कागजात” के आधार पर गिरफ्तार किया जा रहा है। झारखंड उच्च न्यायालय ने अभी तक उनकी याचिका पर अपना आदेश नहीं सुनाया है।