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बीपीएससी पर पीके ने नीतीश सरकार को दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम, कहा- हम टकराव…

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बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा को दोबारा कराये जाने की मांग को लेकर जारी आंदोलन के बीच जनसुराज के प्रशांत किशोर का नया बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि हमें छात्रों की मांगों पर निर्णय लेने के लिए सरकार को 48 घंटे का वक्त देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि यही लोकतांत्रिक प्रक्रिया का तकाजा है.

प्रशांत किशोर ने कहा कि यदि 48 घंटे तक राज्य की नीतीश सरकार मांगों पर किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंच पाती तो फिर छात्रों के आंदोलन का रास्ता जायज होगा. हम भी छात्रों का पूर्ण समर्थन करेंगे.

गौरतलब है कि रविवार देर शाम अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के बाद प्रशांत किशोर चौतरफा आरोपों से घिरे हैं. जहां सरकार और प्रशासन ने उनपर अभ्यर्थियों को उकसाने का आरोप लगाया है तो वहीं अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रशांत किशोर उनको वाटर कैनन और लाठीचार्ज में झोंककर प्रदर्शन स्थल से गायब हो गये.

आरजेडी के तेजस्वी यादव ने भी कहा है कि हम चाहते तो पूरे गांधी मैदान को कार्यकर्ताओं से भर देते लेकिन हम छात्रों के आंदोलन को खराब नहीं करना चाहते.

 

मुख्य सचिव से मिला प्रतिनिधिमंडल
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्य के मुख्य सचिव से मुलाकात की. इसमें छात्र भी शामिल थे.

मुलाकात के बाद प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मुख्य सचिव का धन्यवाद कि उन्होंने शालीनता से मुलाकात कगी. हालांकि, उन्होंने वार्ता के बाद कोई फैसला नहीं किया है. संभव है कि यह उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर का मामला हो. उनको समय चाहिए या फिर मुख्यमंत्री की ओर से क्लियरेंस न मिला हो. उन्होंने कहा कि वजह जो भी हो, हम इस मामले में त्वरित निर्णय चाहते हैं.

प्रशांत किशोर ने कहा कि हमें सरकार को 48 घंटे का वक्त देना चाहिए.

खुद अधिकारियों ने कहा कि हम चाहें तो 24 घंटे में जांच करा लेंगे. हम उनको 48 घंटे का समय देते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में नहीं हैं. वह रात तक लौट आयेंगे. हम चाहते हैं कि छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करे. वार्ता करे.

प्रशांत किशोर ने अभ्यर्थियों से क्या अपील की
प्रशांत किशोर ने कहा कि छात्र टकराव नहीं चाहते. वह पढ़ना चाहते हैं. अधिकारी बनके समाज के लिए काम करना चाहते हैं. हमें यकीन है कि सरकार भी टकराव नहीं चाहती. नेता और अधिकारी भी बिहार से ही हैं.

मुख्यमंत्री भी इन्हीं छात्रों अथवा उनके परिवार द्वारा चुने गये हैं. उन्हें छात्रों की बात सुननी चाहिए और एक समाधान की तरफ पहुंचना चाहिए.

प्रशांत किशोर से हो गयी अभ्यर्थियों की बहस
अब प्रशांत किशोर ने जो कहा उस पर छात्र कितना यकीन करेंगे यह बड़ा सवाल है.

दरअसल, प्रशांत किशोर की रविवार देर शाम अभ्यर्थियों से तीखी बहस हो गयी थी. प्रशांत किशोर का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है जिसमें वह कथित तौर पर यह कहते नजर आ रहे हैं कि हमसे कंबल मांगे हो और हमीं को धौंस दिखा रहे हो. जवाब में अभ्यर्थी कहते हैं कि आपसे कब कंबल मांगा. आप खुद ही लाए और अब धौंस दिखा रहे हैं.

बीपीएससी पर सियासी बवाल भी मचा हुआ है. आरोप लग रहे हैं कि छात्रों के आंदोलन का सियासी लाभ लेने का प्रयास किया जा रहा है. इन आरोपों में सबसे ज्यादा जनसुराज के प्रशांत किशोर घिरे हैं.

 

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