मुंबई में बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले में बड़ी कार्रवाई की गयी है. सैकड़ों की संख्या में मुंबई में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करके उनको डिपोर्ट किया गया है.
मुंबई पुलिस के ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर सत्य नारायण चौधरी ने बताया कि इस साल मुंबई में अब तक 195 मामले दर्ज किए गये हैं.
मुंबई में अवैध तरीके से रह रहे 278 बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है.
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों को वापस बांग्लादेश भी भेजा गया है. उन्होंने कहा कि पूरे शहर में चेकिंग अभियान के जरिए बांग्लादेशियों की पहचान की गयी है. उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही कार्रवाई की गयी है.
दिल्ली में भी बांग्लादेशी घुसपैठ पर बड़ी कार्रवाई
गौरतलब है कि दिल्ली में भी दिल्ली पुलिस द्वारा अवैध तरीके से शहर में रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान की जा रही है. इन खबरों ने झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले को दोबारा चर्चा में ला दिया है.
दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई ने राज्य में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठ का दावा किया. बाबूलाल मरांडी, अनंत ओझा, अमर कुमार बाउरी सहित विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त किए गये शिवराज सिंह चौहान और हिमंता बिस्वा सरमा ने भी काफी जोर-शोर से यहां बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाया.
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने तो संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ के प्रति आदिवासयों को जागरूक करने के लिए यात्रा निकालने का ऐलान किया है. यह मामला हाईकोर्ट में भी लंबित है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाईकोर्ट में क्या बताया
हालांकि, दावा किया जा रहा है कि झारखंड हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में केंद्रीय गृहमंत्रालय ने बताया कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं. वहीं, झामुमो, कांग्रेस और आरजेडी कहती है कि भाजपा केवल सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की वजह से बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला उठा रही है.
यहां कोई घुसपैठ नहीं हुआ.
यदि किसी स्तर पर ऐसा हुआ है तो केंद्र सरकार जिम्मेदार है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा उसी के जिम्मे है. बाबूलाल मरांडी ने भी हाल में दोबारा बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला उठाया था.
संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ का दावा कितना सही
बता दें कि संताल परगना के सभी 6 जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से डेमोग्राफी बदलाव का दावा किया जा रहा है. राजमहल के पूर्व विधायक अनंत ओझा ने रघुवर दास के कार्यकाल में ही विधानसभा में यह मामला उठाया था.
उनका कहना है कि साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा, दुमका और जामताड़ा में बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से डेमोग्राफी बदल गयी है.
मुस्लिम जनसंख्या अप्रत्याशित ढंग से बढ़ गयी है. भाजपा बांग्लादेशी घुसपैठ को आदिवासी अस्मिता के लिए खतरा बताती है. दावा है कि बांग्लादेशी घुसपैठिये स्थानीय आदिवासी युवतियों से शादी करके उनकी जमीनों और स्थानीय निकाय पर कब्जा करते जा रहे हैं.