Ranchi : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की मुश्किले बढ़नी वाली है. एमएस धोनी पर अब आवासीय बोर्ड कार्रवाई करने वाला है. अब सवाल है आवासीय बोर्ड क्यों महेंद्र सिंह धोनी के खिलाफ एक्शन लेने वाला है.
दरअसल ये मामला शुरू होता है तब जब हरमू स्थित महेंद्र सिंह धोनी के आवास पर लैब खोलने की चर्चा जोरो पर चलती है. जिसे लेकर ही धोनी के खिलाफ झारखंड राज्य आवास बोर्ड कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गया है. इसकी जानकारी आवासीय बोर्ड के अध्यक्ष संजय लाला पासवान ने खूद दी है.
महेंद्र सिंह धोनी के आवास को लेकर आवासीय बोर्ड को जानकारी मिली कि वे इस आवास पर कॉमर्शियल यूज के तौर पर पैथोलॉजी सेंटर लैब खोलने की तैयारी कर रहे है. और इसलिए उनके खिलाफ बोर्ड यह कार्रवाई करने की तैयारी में है.
अध्यक्ष संजय लाल पासवान ने कहा कि जिन लोगों को बोर्ड ने जमीन आवंटित की थी. उस जमीन पर आवासीय इस्तेमाल ही किया जा सकता है. न कि उस आवास का कॉमर्शियल यूज. और अगर ऐसे घरों का इस्तेमाल व्यवसाय के रुप में होता है तो यह गैरकानूनी है.
अध्यक्ष संजय लाला पासवान ने आगे कहा कि धोनी के आवास मामले में बोर्ड के कर्मचारियों को जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. जांच के बाद देखा जाएगा क धोनी को किस तरीके से आवास आंवटित किया गया था. यादि यह साबित हुआ कि मकान के रुप में देने से अलग वे व्यवसाय के रुप में इसका उपयोग करते है तो बोर्ड कार्रवाई करेगा. इससे पहले भी कई लोगों को आवासीय बोर्ड नोटिस भेज चुका है . हालांकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के कारण ये कार्रवाई रुकी हुई थी.
बहरहाल, अब आपको बताते है धोनी को हरमू में ये आवास क्यों दिया गया था. एमएस धोनी ने क्रिकेट की दुनिया में रांची का नाम देश दुनिया में रौशन किया. जिसके बाद साल 2009 में झारखंड सरकार की तरफ से उन्हें पांच कट्ठा आवासीय भूखंड गिफ्त किया गया, यहां धोनी ने एक शानदार घर बनाया और करीब पांच साल तक रहे. लेकिन अब महेंद्र सिंह धोनी रिंग रोड स्थित सिमलिया में खूद का घर बनाकर वहां शिफ्ट हो गए.
लेकिन हरमू वाले आवास पर लैब खोले जाने की चर्चा तेज हुई तो इस पर बोर्ड ने संज्ञान लिया. क्योंकि यह आवासीय बोर्ड के खिलाफ है. ऐसे में अधिकारियों ने उनके पूरे मामले की जांच करने के आदेश दिए है. जांच के बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले आवासीय बोर्ड ने हरमू रोड स्थित बीजेपी कार्यालय को भी नोटिस दे चुका है. बीजेपी पर आरोप है कि वो यहां भूखंड का भी गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहा है. अब देखना होगा कि आवासीय बोर्ड की जांच में क्या सामने आता है. और कैप्टन कूल एमएस धोनी की मुश्किलें कम होती है या नहीं. यह तो समय आने के बाद ही साफ हो पाएगा.