बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार द्वारा मंईंयां सम्मान योजना की राशि में वृद्धि करने के फैसले की आलोचना की है.
उन्होंने कहा कि सरकार केवल 3 माह के लिए महिलाओं को पैसा दे रही है. यदि 2500 रुपया ही देना था तो पहले से ही क्यों बढ़ी हुई राशि नहीं दी गयी.
उन्होंने योजना की टाइमिंग पर सवाल उठाया है.
दरअसल, सोमवार को कैबिनेट की बैठक में हेमंत सरकार ने मंईयां सम्मान योजना की राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया है. बढ़ी हुई राशि दिसंबर में 5वीं किश्त के रूप में दिए जाने की बात हुई है.
गौरतलब है कि महिलाओं को मंईंयां सम्मान योजना की 3 किश्त दी जा चुकी है. पहली किश्त रक्षाबंधन पर जारी की गयी थी.
दूसरी किश्त करमा पर्व में भेजी गयी. तीसरी किश्त नवरात्रि में जारी की गयी. चौथी किश्त छठ पर्व पर दी जायेगी.
बाबूलाल मरांडी ने योजना की टाइमिंग पर उठाये सवाल
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि योजना की टाइमिंग पर सवाल है.
उन्होंने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद हमने उनका (हेमंत सोरेन) समर्थन किया था. तब उन्होंने वादा किया था कि स्नातक बेरोजगारों को 5 हजार और परास्नातक बेरोजगारों को 7 हजार रुपये बतौर बेरोजगारी भत्ता दिया जायेगा.
लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
महिलाओं को नकद राशि देने में बीजेपी-झामुमो में होड़
गौरतलब है कि झारखंड में महिलाओं को डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम के तहत नगद राशि देने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा और भारतीय जनता पार्टी में होड़ मची है.
3 माह पहले हेमंत सोरेन की सरकार मंईंयां सम्मान योजना लाई.
महिलाओं को 3 किश्तों में 1000 रुपये प्रतिमाह दिए गये. जवाब में बीजेपी गोगो दीदी योजना का वादा ले आई.
महिलाओं से योजना के फॉर्म भराए जाने लगे.
बीजेपी ने वादा किया कि सरकार बनी तो महिलाओं को प्रतिमाह 2100 रुपये दिए जायेंगे.
जवाब में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार ने योजना में 1500 रुपये की वृद्धि कर दी.