ट्विटर पर ट्रेंड हुआ युवा विरोधी हेमंत सरकार, रोजगार के मुद्दे पर युवाओं ने दिखाया आक्रोश

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Ranchi: रोजगार के मसले पर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार चौतरफा घिरी है. शनिवार को ट्विटर (एक्स) पर हैशटेग युवा विरोधी हेमंत सरकार ट्रेंड हुआ. इस हैशटेग पर शनिवार को शाम सवा 4 बजे तक 1 लाख 70 हजार ट्वीट किए जा चुके थे. झारखंड के युवा खासतौर पर जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा फिर से टाले जाने से नाराज हैं. गौरतलब है कि पिछले दिनों झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने प्रतियोगिता परीक्षाओं का संशोधित कैलेंडर जारी किया था जिसमें जेएसएससी सीजीएल की परीक्षायें अब अगस्त की बजाय सितंबर के अंतिम में आयोजित कराने की बात कही गई थी. इसे लेकर छात्रों में जबर्दस्त आक्रोश है.

अब हैशटेग युवा विरोधी हेमंत सरकार पर झारखंड के युवा लगातार ट्वीट कर नाराजगी जता रहे हैं. बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 2019 के चुनावी मैनिफेस्टो में वादा किया था कि प्रतिवर्ष 5 लाख नौकरी दी जायेगी. बेरोजगार युवाओं को भत्ता देने का भी वादा किया था.

गौरतलब है कि पिछले दिनों जेएसएससी द्वारा प्रतियोगिता परीक्षाओं का संशोधित कैलेंडर जारी किये जाने के बाद से ही झारखंड की सियासत गरमाई हुई है. विपक्ष रोजगार के मुद्दे पर सरकार को निशाना बना रहा है. युवा भी सड़कों पर हैं. अलग-अलग छात्र संगठन अभ्यर्थियों के समर्थन में सड़क पर हैं. बाबूलाल मरांडी, अमर बाउरी, भानुप्रताप शाही और सुदेश महतो सरीखे नेता लगातार हेमंत सोरेन सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं. हेमंत सोरेन के उस बयान की भी निंदा की जा रही है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अब तक 1.5 लाख नौकरियां दी गई हैं.

दरअसल, जेएसएससी सीजीएल के जरिये आखिरी बार 2012 में नियुक्तियां हुई थी. 2015 में रघुवर सरकार के कार्यकाल में वेकैंसी निकाली गई थी. अगस्त 2017 में परीक्षा हुई लेकिन रद्द हो गई. इसके बाद कई बार संशोधित विज्ञापन जारी हुआ लेकिन अपरिहार्य कारणों से परीक्षा टलती रही. 28 जनवरी 2024 को परीक्षा हुई थी लेकिन पेपर लीक हो गया. विधानसभा के ही 2 कर्मी इसमें लिप्त पाये गये.

जाचं के लिए गठित एसआईटी ने और कोई अपडेट नहीं दी है. इसके बाद से दोबारा फिर कभी परीक्षा नहीं हो पाई. अब सितंबर संभावित तारीख है.

गौरतलब है कि झारखंड में कई नियुक्ति प्रक्रिया लंबित है. झारखंड उत्पाद सिपाही और झारखंड पुलिस सिपाही भर्ती की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है. नगरपालिका सेवा संवर्ग नियुक्ति परीक्षा का परिणाम जारी नहीं किया गया है. कृषि पदाधिकारी के लिए हुई परीक्षा का परिणाम भी लंबित है. जेएसएससी सीजीएल विशिष्ट/टेक्निकल सेवा की नियुक्ति परीक्षा भी लंबित है. हाल ही में आयोग ने 13 ऐसी नियुक्ति प्रक्रिया का कैलेंडर जारी किया है जिसकी या तो परीक्षा नहीं हुई या फिर परिणाम जारी नहीं किया गया है.

झारखंड में लाखों सरकारी पद खाली हैं. आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में स्वीकृत सरकारी पद की संख्या 4,66,494 है. लेकिन, केवल 1,79,365 कर्मी ही काम कर रहे हैं. अभी 2,87,129 पद खाली हैं. इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, पेयजल-स्वच्छता सहित कई विभाग हैं. पिछले 5 साल में राज्य सरकार सिविल सेवा आयोग की 1 ही परीक्षा करा पाई है जिसमें महज 257 अधिकारियों की नियुक्ति की गई. 352 पदों पर निकली जेपीएससी की दूसरी वेकैंसी भी अभी लंबित है. प्राथमिक औऱ उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक आचार्य की नियुक्ति परीक्षा भी हो चुकी है लेकिन सीटेट अभ्यर्थियों को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. गौरतलब है कि झारखंड देश का 7वां सबसे बेरोजगार राज्य है. रोजगार की मांग पर युवा सड़क पर हैं. ट्विटर पर भी लड़ाई जारी है. देखिए, क्या होता है.

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