कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि यदि मोहन भागवत के मुताबिक भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली तो फिर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई और संविधान दोनों ही अमान्य हैं. उन्होंने कहा कि यह बयान भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए अपमानजनक है.
राहुल गांधी ने कहा कि यदि मोहन भागवत ने दुनिया के किसी भी और देश में ऐसा बयान दिया होता तो उनको सजा मिलती.
राहुल गांधी ने कहा कि देश में संविधान, स्वतंत्रता संघर्ष और लोगों के बलिदान का ऐसा मजाक नहीं बनाया जा सकता. यह स्वीकार्य नहीं है. राहुल गांधी आज कांग्रेस पार्टी के नये मुख्यालय भवन, इंदिरा भवन के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे.
मोहन भागवत का यह कहना कि ‘भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली थी’ का मतलब है कि अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई और संविधान दोनों अमान्य हैं।
ऐसा कहना असल में देशद्रोह है। किसी अन्य देश में ऐसा कहने के लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता।
भारत को 1947 में आज़ादी नहीं मिली, कहकर उन्होंने हर… pic.twitter.com/FXpay9Sr1T
— Congress (@INCIndia) January 15, 2025
मोहन भागवत ने क्या बयान दिया था
दरअसल, कुछ दिन पहले मोहन भागवत ने कहा था कि भारत को वर्ष 1947 में वास्तविक आजादी नहीं मिली.
भारत को आजादी तब मिली जब राम मंदिर का उद्घाटन हुआ. उन्होंने यह बात 11 जनवरी को कही. गौरतलब है कि 11 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्रीराम लला मंदिर का उद्घाटन हुआ था.
कंगना रनौत भी ऐसा बयान दे चुकी हैं
ऐसे बयान पहली बार नहीं आये हैं. इससे पहले भाजपा के टिकट पर हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय सीट से सांसद चुनी गयीं एक्ट्रेस कंगना रनौत ने कहा था कि देश को सही अर्थों में आजादी तब मिली जब 2014 में मोदी सरकार सत्ता में आई.
भाजपा और इससे जुड़े संगठन के कई नेताओं के बयान पहले भी ऐसे आते रहे हैं.
इसका विरोध कांग्रेस पार्टी सहित अन्य विपक्षी दल करते रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि हमें मोहन भागवत के बयान की निंदा करनी चाहिए. हमें ऐसे बकवास सुनने बंद कर देने चाहिये. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश के नागरिकों के साथ मिलकर विकसित भारत की नींव रखी थी. हमने इसे संविधान द्वारा स्थापित किया था.