झारखंड में भाजपा विधानसभा का चुनाव बुरी तरह से हार चुकी है. 2024 में सरकार बनाने में सफल नहीं होने के बाद अब झारखंड भाजपा 2029 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां ग्राउंड लेवल से ही शुरु कर रही है. प्रदेश भाजपा अपने संगठन में भी बदलाव करने वाली है. 14 जनवरी के बाद नेता प्रतिपक्ष मिलेगा वहीं प्रदेश अध्यक्ष की कमान भी बाबूलाल मरांडी के हाथों से निकल कर किसी अन्य नेता के हाथों में सौंपी जाएगी.
झारखंड में भाजपा ने केलव प्रदेश अध्यक्ष बल्कि बूथ अध्यक्ष मंडल अध्यक्ष जैसे पोजिशन में भी बदलाव करने की तैयारी में है. इसे लेकर तैयारियों शुरु कर दी गई है. और अब बूथ अध्यक्ष औऱ मंडल अध्यक्ष बनने के इच्छुक नेताओं के लिए क्राइटेरिया भी निर्धारित किए गए हैं.
रिपोर्ट्स की माने तो प्रदेश भाजपा में सदस्यता अभियान के साथ बूथ से प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसको लेकर प्रदेश चुनाव पदाधिकारी व सह चुनाव पदाधिकारी की घोषणा हो चुकी है. प्रदेश चुनाव पदाधिकारी डॉ प्रदीप वर्मा के नेतृत्व में बूथ से लेकर प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया मार्च के पहले सप्ताह तक पूरी करने का समय निर्धारित किया गया है.
झारखंड में भाजपा संगठन में युवाओं को ज्यादा भागीदारी देने की तैयारी में है. जानकारी के अनुसार अब झारखंड भाजपा में 45 वर्ष से अधिक का मंडल अध्यक्ष नहीं होगा. अगर ऐसा होता है तो ऐसे मंडल अध्यक्ष का निर्वाचन प्रदेश स्तर से रद्द कर दिया जायेगा. इसके साथ ही जिला अध्यक्षों के लिए भी उम्र निर्धारित किए गए हैं. जिलाध्यक्ष की उम्र 60 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए और साथ ही जिस भी नेता को जिलाध्यक्ष पद के लिए कम से कम दो टर्म सक्रिय सदस्य रहना अनिवार्य रखा गया है.
बूथों पर दो से तीन सक्रिय सदस्य रहने पर ही चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ होगी. 50-50 सदस्य बनाने वाले ही सक्रिय सदस्य बनेंगे. इसके बाद पहले एक नाम पर सहमति बनाने का काम किया जायेगा. अगर बात सहमति से नहीं बनी तो चुनाव होगा. इसी प्रकार मंडल अध्यक्ष व जिलाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. 50 प्रतिशत से अधिक जिलों में निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी. प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया को पूरी करने के लिए केंद्र स्तर के पर्यवेक्षक आयेंगे. इनकी देखरेख में भी प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया पूरी की जायेगी.
बता दें प्रदेश भाजपा की ओर से 22 दिसंबर से सदस्यता अभियान की शुरुआत हो चुकी है. अब तक प्रदेश में तीन लाख से अधिक प्राथमिक सदस्य बन चुके हैं. इसको गति प्रदान करने के लिए जल्द ही प्रदेश स्तर पर अलग से अभियान चलाने को लेकर रणनीति बनायी जा रही है.
झारखंड भाजपा में प्राथमिक सदस्य बनाने की प्रक्रिया 31 जनवरी तक चलेगी. इसके बाद फरवरी के पहले सप्ताह में सक्रिय सदस्य बनाये जायेंगे. प्रयास किया जा रहा है कि फरवरी में ही बूथ से लेकर जिलाध्यक्ष तक के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाये. इसके बाद मार्च के पहले सप्ताह तक प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन हो पाये.
रघुबर दास के ओड़िशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा और झारखंड की राजनीति में वापसी के बाद चर्चा तेज है कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी जाएगी हालांकि अब खरमास खत्म होने के बाद रघुबर दास भाजपा में शामिल होंगे उसके बाद ही आगे के फैसले लिए जाएंगे.तब तक इंतेजार करना होगा.