प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने फिर हेमंत सोरेन सरकार की महात्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि सक्षम महिलाओं को 2500 रुपये और विधवा महिलाओं को केवल 1000 रुपये दिए जा रहे हैं.
हेमंत सरकार किस तर्क से यह अन्यायपूर्ण अंतर पैदा कर रही है.
उन्होंने कहा कि सरकार को सबसे कमजोर वर्ग, असहाय विधवा महिलाओं के अधिकारों पर कुठाराघात करने के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए. यह पहली बार नहीं है जबकि बाबूलाल मरांडी ने मंईयां सम्मान योजना पर सवाल उठाया हो.
उन्होंने पहले भी इस योजना पर सवाल उठाते हुये हेमंत सोरेन सरकार पर झारखंड को आर्थिक संकट में डालने का आरोप लगाया था.
सक्षम महिलाओं को 2500 रुपए और विधवाओं को केवल 1000 रुपए! हेमंत सरकार किस तर्क से यह अन्यायपूर्ण अंतर पैदा कर रही है?
सरकार को सबसे कमजोर वर्ग असहाय विधवा महिलाओं के अधिकारों पर कुठाराघात करने के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।@BJP4India @BJP4Jharkhand pic.twitter.com/7NeCgAQV8p
— Babulal Marandi (@yourBabulal) January 13, 2025
सर्वजन पेंशन की कीमत पर मंईयां सम्मान योजना!
बाबूलाल मरांडी सहित भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेताओं ने पहले भी आरोप लगाया कि झारखंड में दूसरी कल्याणकारी योजनाओं की कीमत पर मंईयां सम्मान योजना संचालित की जा रही है.
भाजपा का दावा है कि सर्वजन पेंशन योजना सहित अन्य योजनाओं को तिलांजलि देकर मंईयां सम्मान योजना का पैसा दिया जा रहा है. भाजपा का दावा है कि सर्वजन पेंशन योजना की राशि पिछले कई महीनों से लाभुकों को नहीं मिली है.
राशन कार्डधारियों को राशन 7 महीने से नहीं मिला है. भाजपा का आरोप है कि बिना किसी व्यवस्थित आर्थिक प्रबंधन के हेमंत सोरेन सरकार मंईयां सम्मान योजना का पैसा बांट रही है.
मंईयां सम्मान योजना पर क्यों उठ रहे हैं सवाल
गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा चुनाव के ठीक 3 माह पहले तात्कालीन हेमंत सोरेन सरकार ने मंईयां सम्मान योजना लॉन्च की थी. इस योजना के मातहत महिलाओं को चुनाव से पहले तक 4 किश्तों में 1-1 हजार रुपये दिए गये.
चुनाव से पहले ही हेमंत कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित किया था कि दिसंबर से योजना की राशि बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिए जाएंगे.
5वीं किश्त में 6 जनवरी को 2500 रुपये दिए भी गये लेकिन इसके लिए अनुपूरक बजट की 56 फीसदी राशि खर्च की गयी.