बीपीएससी आंदोलन को लेकर आयोग द्वारा भेजे गये नोटिस का जवाब देते हुए यूट्यूबर औऱ शिक्षक खान सर ने स्पष्ट कहा है कि मैं माफी नहीं मांगूंगा.
खान सर ने कहा कि आयोग एक शिक्षक को अपराधी कह रहा है.
पूरा देश देख रहा है कि बिहार में क्या हो रहा है. उन्होंने कहा कि हम छात्रों के अधिकारो के लिए लड़ रहे हैं. बीपीएससी ने खुद अपनी छवि खराब की है. उन्होंने कहा कि बीपीएससी के चेयरमैन और सचिव को मीडिया के सामने नार्को टेस्ट से गुजरना चाहिए. सच्चाई सामने आ जायेगी.
उन्होंने कहा कि यदि बीपीएससी पुनर्परीक्षा का फैसला करता है तो हम वही करेंगे जो आयोग चाहता है.
गौरतलब है कि बीपीएससी ने खान सर सहित पांच कोचिंग संस्थानों को नोटिस भेजा था. आरोप लगाया था कि इन्होंने छात्रों को आंदोलन के लिए भड़काया.
#WATCH | Patna, Bihar: Educator and YouTuber, Khan Sir says, “…They (Bihar Public Service Commission) (BPSC) have given notice to five centres and alleged that we have instigated the students who are protesting (demanding cancellation of BPSC exam and re-examination)…They… pic.twitter.com/MlVCDhF1s6
— ANI (@ANI) January 13, 2025
नॉर्मेलाइजेशन की प्रक्रिया पर क्यो बोले खान सर
खान सर ने कहा कि कहने को बीपीएससी स्वायत्त संस्था है. यह सबकुछ विद्यार्थियों को फुसलाने के लिए कहा जा रहा है. यदि बीपीएससी स्वायत्त संस्था है तो फिर उपमुख्यमंत्री कैसे कहते हैं कि हम जांच कराएंगे और धांधली पाई गयी तो 2 मिनट में परीक्षा रद्द कर दिया जायेगा.
यदि बीपीएससी ऑटोनॉमस बॉडी हैतो फिर मंत्री कैसे उनकी तरफ से बयानबाजी कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हमने हाईकोर्ट, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के पास जाने का विचार कर लिया है. अब हाईकोर्ट ही मामले में न्याय कर सकता है. खान सर ने कहा कि बीपीएससी में सरकार की छवि खराब करने के लिए जानबूझकर कुछ लोगों को प्लांट किया गया है.
खान सर राज्यपाल के पास जाने की तैयारी में
आयोग की नोटिस पर खान सर ने कहा कि हम नोटिस का जवाब तो देंगे ही, साथ ही आयोग को नोटिस भेजेंगे कि कैसे उन्होंने 5 लाख अभ्यर्थियों को मानसिक आघात पहुंचाया. बीपीएससी ने शिक्षकों पर यह थोपने का प्रयास किया कि हम नॉर्मेलाइजेशन की प्रक्रिया को छात्रों को समझायें.
हम शिक्षक आयोग की गलतियों का ठीकरा अपने सिर पर क्यों लेंगे?
उन्होंने कहा कि मैं राज्यपाल से मिलूंगा. मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रखूंगा. किसी भी संस्था को छात्रों के अधिकारों के साथ खेलने का अधिकार नहीं है. मैं मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहा हूं.
खान सर ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले में समय पर हस्तक्षेप किया होता तो इसका राजनीतिकरण नहीं होता. इस पर हो रही सियासत के लिए नीतीश सरकार जिम्मेदार है.
विद्यार्थियों को भड़काने के आरोपों पर क्या बोले खान सर
अभ्यर्थियों को आंदोलन के लिए भड़काने के सवाल पर खान सर ने कहा कि वे कमजोर नहीं हैं. विद्यार्थी एसडीएम, डीएसपी और प्रखंड विकास पदाधिकारी बनने की तैयारी कर रहे हैं. वे समझते हैं कि सही-गलत क्या है.
वे मीडिल क्लास फैमिली के बच्चे हैं. शहर में कम संसाधनों के बीच पढ़ाई करते हैं.
वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना चाहते थे और हमने सहयोग किया. गर्दनीबाग में एक जगह धरना प्रदर्शन के लिए सरकार द्वारा निर्धारित की गयी है. हम वहीं आंदोलन कर रहे थे. इसमें गलत क्या है?