हर साल के 1 मई को देश-विदेश में मजदूर दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इसे हम अन्तराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अलावा अन्तराष्ट्रीय कर्मचारी दिवस और मई दिवस भी कहते है. इसे पूरी दूनिया में मनाया जाता है, ताकि हर मजदूर ग्रुप को बढ़ावा व प्रोत्साहित कर सके. मजदूर दिवस 1 मई को पूरी दुनिया में मनाया जाता है, भारत में इस दिन को श्रमिक दिवस भी कहा जाता है.
यूरोपीय देशों में इसे पारंपरिक तौर पर बसंत की छुट्टी घोषित किया गया है. दुनिया में करीब 80 देशों में इस दिन को नेशनल हॉलीडे घोषित किया गया है, कई जगहों में इसे मनाने के लिए कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. अमेरिका और कनाडा में मजदूर दिवस सितबंर महीने के पहले सोमवार को मनाया जाता है. भारत में हम इसे श्रमिक दिवस भी कहते है. मजदूर दिवस का दिन ना केवल मजदूरों को सम्मान देने के लिए होता है बल्कि इस दिन मजदूरों के हक के लिए आवाज उठाई जाती है. जिससे उन्हें समान अधिकार मिल सके.
मजदूर दिवस आज के दिन ही क्यों मनाते हैं?
1 मई, 1886 को जब अमेरिका में आंदोलन की शुरुआत हुई थी. तब इस आंदोलन के दौरान अमेरिका के कई मजदूर सड़कों पर आ गए थे और वो अपने हक के लिए आवाज उठाने लगे. इस आंदोलन का कारण था मजदूरों से दिन के 15-15 घंटे काम कराना. इसी आंदोलन के बीच में मजदूरों पर पुलिस ने गोली चला दी और कई मजदूरों की जान चली गई. वहीं, 100 से ज्यादा मजदूर घायल हो गए. इस आंदोलन के तीन साल बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई. जिसमें यह फैसला हुआ कि हर मजदूर सिर्फ दिन के 8 घंटे ही काम करेंगे. इस सम्मेलन में ही 1 मई को मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसमें ये भी प्रस्ताव रखा गया कि, हर साल 1 मई को मजदूरों को छुट्टी दिया जाएगा. अमेरिका में ये नियम लगने के बाद मजदूरों को अब आठ घंटे का काम करने का नियम बन गया. अमेरिका के बाद कई देशों में इस नियम को लागू किया गया.
इस दिन हुई भारत में शुरुआत
अमेरिका में ये नियम भले ही 1 मई 1889 को लाया गया हो. लेकिन भारत में ये नियम करीब 34 साल बाद आया. भारत में 1 मई 1923 को सबसे पहले चेन्नई में इसकी शुरुआत की गई. इस नियम को लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में बनाया गया. इस बैठक में कई सारे संगंठन और सोशल पार्टी का समर्थन मिला. जो मजदूरों पर हो रहे अत्याचारों और शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे थे.
इस दिन का क्या है उद्धेश्य
1 मई को हर साल मजदूर दिवस मनाने का उद्देशय मजदूरों और श्रमिकों की उपलब्धियों और काम को सराहना के साथ-साथ सम्मान करना और योगदान को याद करना है. इसके साथ ही मजदूरों के हक और अधिकारों के लिए आवाज उठाना और उनके अत्याचारों को रोकना है. बता दें, इस दिन कई सारे संगठनों में कर्मचारियों को इस दिन की छुट्टी दी जाती है.