विधानसभा परिसर में पत्रकार से बहस के बाद चर्चा में आए डुमरी विधायक जयराम महतो की उनके ही पूर्व साथी रिजवान क्रांतिकारी ने जमकर आलोचना की है.
जयराम महतो को आत्ममुग्ध इंसान बताते हुये रिजवान क्रांतिकारी ने कहा कि उनके रवैये की वजह से ही अधिकांश पुराने साथियों ने उनका साथ छोड़ दिया. रिजवान क्रांतिकारी ने झारखंड के एक प्रतिष्ठित समाचार वेबसाइट से बातचीत में डुमरी विधायक को खरी-खरी सुनाई.
आपको बता दूं कि रिजवान क्रांतिकारी हालिया विधानसभा चुनावों में जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम की ओर से गांडेय विधानसभा सीट पर प्रत्याशी थे लेकिन नामांकन वापसी के आखिरी घंटों में वह पर्चा वापस लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गये थे.
रिजवान अंसारी ने दावा किया कि जयराम महतो अलोकतांत्रिक व्यक्ति हैं.
वह पार्टी में अपने सहयोगियों की राय को महत्व नहीं देते. वह अपनी सोच औऱ विचार, बाकियों पर थोप देते हैं. रिजवान क्रांतिकारी ने कहा कि जयराम महतो की हठधर्मिता का ही नतीजा है कि आज एक भी पुराना सहयोगी उनके साथ नहीं है.
मंईंया सम्मान पर जयराम की टिप्पणी से भड़के रिजवान
दरअसल, झामुमो के रिजवान क्रांतिकारी हेमंत सरकार की महात्वाकांक्षी मंईया सम्मान योजना पर जयराम महतो की टिप्पणी का जवाब दे रहे थे. जयराम महतो ने मंईया सम्मान योजना के औचित्य पर सवाल उठाते हुये कहा था कि आखिर 2500 रुपये से महिलायें कैसे आर्थिक रूप से स्वाबलंबी बनेंगी.
इन रुपयों से उनका उत्थान कैसे होगा. क्या महिलायें इस राशि से कोई व्यवसाय कर सकती हैं.
जयराम महतो ने कहा कि मंईंया सम्मान योजना की राशि से महिलायें गुपचुप औऱ चाऊमीन ही खायेंगी.
इसी का जवाब देते हुये रिजवान क्रांतिकारी ने कहा कि जयराम महतो ने झारखंड की माताओं और बहनों का अपमान किया है. महिलाओं को पता है कि उनको पैसे कहां और किस चीज पर खर्च करना है. उन्होंने कहा कि जयराम महतो ने महिलाओं के विवेक पर सवाल उठाया है.
रिजवान क्रांतिकारी ने यह भी कहा कि जयराम महतो एक उच्च संवैधानिक पद पर होकर भी बचकानी बातें करते हैं. सदन की गरिमा को तार-तार करते हैं. विधानसभा स्पीकर को ऊंगली दिखाते हैं. उनको सदन की गरिमा के अनुरूप व्यवहार करना चाहिए.
पत्रकार से जयराम महतो की बहस पर क्या बोले रिजवान
रिजवान क्रांतिकारी ने कहा कि गुरुवार को विधानसभा परिसर में जयराम महतो ने जिस प्रकार एक अल्पसंख्यक पत्रकार के साथ बदतमीजी की, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं. बकौल रिजवान क्रांतिकारी- जयराम महतो ने उस पत्रकार से कहा कि आपने हमारा चुनाव प्रचार अभियान कवर नहीं किया.
रिजवान क्रांतिकारी ने कहा कि किसी पत्रकार के द्वारा किसी नेता का प्रचार अभियान कवर नहीं करना उसका निजी मामला है.
इसके लिए उसके साथ ऐसा निंदनीय व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. रिजवान क्रांतिकारी ने कहा कि जयराम महतो पत्रकार छोड़िए, विधानसभा स्पीकर तक को ऊंगली दिखाकर बात करते हैं.
रिजवान अंसारी ने जयराम महतो से कर दी माफी की मांग
रिजवान अंसारी ने कहा कि जयराम महतो विधानसभा को लोकतंत्र का मंदिर बताते हैं.
नंगे पांव सदन में जाते हैं. मत्था टेकते हैं औऱ फिर उसी लोकतंत्र के मंदिर के पुजारी स्पीकर को ऊंगली दिखाते हैं.
लोकतंत्र की बातें करते हैं. संविधान की किताब लेकर चलते हैं और फिर उसी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया के साथ बदसलूकी करते हैं. उन्होंने कहा कि जयराम महतो का ढोंग बहुत जल्दी जनता के सामने एक्सपोज हो जायेगा.
बाहरी बनाम भीतरी की बात करने वाला 1932 के सबसे बड़े समर्थक परिवार के खिलाफ चुनाव लड़ता है. स्वर्गीय जगरनाथ महतो की विधवा को चुनाव में हराता है.
यदि वाकई जयराम महतो की लड़ाई बाहरी बनाम भीतरी की है तो क्यों नहीं जमीन बचाने के लिए झरिया में लड़े. आखिरकार डुमरी में 2 विधवा महिलाओं को हराकर क्या हासिल किया.
इससे तो यही लगता है कि उनका मकसद केवल विधायक बनना था. वह भी केवल खुद.