अब तक रघुवर दास ने नहीं ली है राज्यपाल पद की शपथ, जानें कहां फंस रहा है पेंच !

,

Share:

देश भर में अगले साल यानी 2024 में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के भीतर कई बड़े फेर बदल देखने को मिल रहे हैं. इसी बीच बीते 18 अक्टूबर को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा ओडिशा का राज्यपाल बनाया गया है. जहां एक ओर इस फैसले से झारखंड भाजपा में खुशी की लहर है वहीं झामुमो और कांग्रेस ने भाजपा पर खूब तंज कसा. लेकिन फैसला आए हुए अब एक सप्ताह का समय बीत चुका है, फिर भी अब तक रघुवर दास ने राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण नहीं की है. ऐसे में सबके मन में ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर रघुवर दास कब शपथ ग्रहण करेंगे. अब इसे लेकर तरह –तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

तो हम आपको बताते हैं कि रघुवर दास आखिर कब राज्यपाल पद की शपथ लेंगे और अब तक उन्होंने अब तक शपथ क्यों नहीं ली है.

अखबार दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार रघुवर दास आगामी 30 अक्टूबर को ओडिशा के राज्यपाल के रुप में शपथ ले सकते हैं. हालांकि तिथि को लेकर कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है, संभावना जताई जा रही है कि 30 अक्टूबर शपथ ग्रहण समारोह होगा. सूत्रों की मानें तो ओड़िशा के चीफ जस्टिस अभी अवकाश पर हैं. वे 28 या 29 अक्टूबर को भुवनेश्वर लौटेंगे. इसके बाद ही शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसी आधार पर यह संभावना जताई जा रही है कि 30 या 31 अक्टूबर को शपथ ग्रहण कार्यक्रम हो सकता है. शपथ ग्रहण समारोह भुवनेश्वर के राजभवन में होगा. रघुवर दास को राज्यपाल की शपथ ओड़िशा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुभासिस तलपात्रा दिलाएंगे.

रिपोर्ट यह भी बताती है कि रघुवर दास फिलहाल अपने घर जमशेदपुर में हैं. 25 अक्टूबर यानी आज वे रांची आएंगे. सभी से मिलने के बाद आज ही दिल्ली रवाना हो जाएंगे . जानकारी के मुताबिक रघुवर दास दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे और इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से त्यागपत्र सौंपेंगे. वहीं भुवनेश्वर में शपथ ग्रहण करने के बाद रघुवर दास राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे.

रघुवर दास झारखंड बीजेपी के कद्दावर नेता रहे हैं. वर्तमान में वे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. रघुवार दास लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं. रिपोर्ट के अनुसार रघुवर दास 1977 में जनता पार्टी से जुड़े थे. 1980 में बीजेपी की स्थापना के साथ ही उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा . 1995 में उन्होंने पहली बार जमशेदपुर पूर्वी से विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने. इसके बाद वे पांच बार इस सीट से चुनाव जीतने में सफल रहे. हालांकि 2019 में वे चुनाव हार गए. रघुवार दास 2014 से लेकर 2019 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे, वे झारखंड के पहले गैर-आदिवासी सीएम बने. रघुवर दास झारखंड का पहली कैबिनेट में श्रम मंत्री रहे. वहीं मार्च 2003 से 14 जुलाई 2004 तक भवन निर्माण मंत्री के रूप में काम किया. 12 मार्च 2005 से 14 सितंबर 2006 तक झारखंड के वित्त, वाणिज्य और नगर विकास मंत्री के रूप राज्य की सेवा की.

अब रघुवर दास को ओडिशा के राज्यपाल बनाए जाने के बाद राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि रघुवर दास झारखंड की राजनीति से दूर हो जाएंगे. अब आने वाले समय में ही पता चल पाएगा कि रघुवर दास की गैर मौजूदगी में झारखंड भाजपा और झारखंड की राजनीति में क्या बड़े बदलाव होंगे.

Tags:

Latest Updates