झारखंड में विधानसभा चुनाव होने में सिर्फ एक से दो महिने का समय बचा है. चुनावों के मद्देनजर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार झारखंड के विभिन्न वर्गों को अपने पाले में करने में जुट गई है. बीते कल हेमंत सरकार की कैबिनेट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के वकीलों के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है. हालांकि कैबिनेट की बैठक में विभिन्न विभागों के कुल 63 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई लेकिन वकीलों के लिए लिया गया फैसला चर्चा का विषय बन गया है.
सरकार ने राज्य के वकीलों के लिए तीन बड़े फैसले लिए हैं. झारखंड के वकीलों को अब पेंशन दी जाएगी.वहीं स्वास्थ्य बीमा का भी लाभ दिया जाएगा.देशभर में वकीलों के लिए यह फैसला लेने वाला झारखंड पहला राज्य बन गया है.राज्य में 65 साल से अधिक उम्र वाले जिन वकीलों ने लाइसेंस सरेंडर कर दिया है, उन्हें सरकार हर महीने सात हजार रुपए पेंशन देगी. इन वकीलों को अब तक अधिवक्ता कल्याण कोष से सात हजार रुपए मिलते थे, यानी अब इन वकीलों को कुल 14 हजार रुपए पेंशन मिलेगी. इसके लिए झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि न्यास समिति को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1करोड़ 60 लाख रुपए का अनुदान देने की स्वीकृति दी गई है.
नए वकीलों को अब झारखंड में तीन साल तक राज्य सरकार के तरफ से पांच हजार रुपए हर महिने स्टाइपेंड दिया जाएगा. नए वकीलों को पहले तीन साल तक स्टाइपेंड के रूप में अधिवक्ता कल्याण कोष से प्रतिमाह एक हजार रुपए मिलते थे. अब उन्हें पांच हजार रुपए मिलेंगे. इनमें ढाई हजार रुपए सरकार देगी.इसके लिए सरकार ने डेढ़ करोड़ रुपए के अनुदान भुगतान की मंजूरी दी है. इसके अलावा राज्य के 30 हजार से अधिक वकीलों का पांच लाख रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस भी होगा. इसके लिए 6000 रुपए का प्रीमियम भी सरकार अधिवक्ता कल्याण निधि न्यास को देगी.इसके लिए भी नौ करोड़ रुपए के भुगतान की स्वीकृति दी गई है.
वकीलों के विभिन्न संगठनों ने राज्य सरकार की इस निर्णय की सराहना की.वकीलों का कहना है कि राज्य सरकार के इस फैसले से उन्हें काफी राहत मिलेगी. कानून के प्रहरियों में वकीलों का नाम भी गिना जाता है. ऐसे में झारखंड सरकार का ये फैसला सराहनीय है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए यह निर्णय ऐतिहासिक साबित होगा. सीएम सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘देश में पहली बार राज्य सरकार अब राज्य के सभी नए वकीलों को पांच साल तक मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करेगी ताकि उन्हें शुरुआती दिनों में इस पेशे में बने रहने की ताकत मिल सके.
कैबिनेट में वकीलों के लिए सरकार की ओर से लिए गए निर्णय का संकल्प जल्द जारी किया जाएगा. राज्य के वकील इस व्यवस्था का लाभ इसी वित्तीय वर्ष से उठा सकेंगे.
कैबिनेट की बैठक में वकीलों के अलावा अन्य वर्गों के लिए भी हेमंत सरकार ने अपना खजाना खोला. झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ 21 की जगह 18 वर्ष की उम्र से ही युवतियों को देने का फैसला लिया गया है. सहिया, आशा सहिया, साथी व साधन सेवी को प्रोत्साहन राशि देने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी. साथ ही सहायक पुलिसकर्मियों को अवधि विस्तार देते हुए उनका मानदेय, वर्दी भत्ता, मेडिक्लेम व बीमा राशि में वृद्धि पर सहमति दी. इसके अलावा जल सहिया का मानदेय दोगुना करने, राज्य के दूग्ध उत्पादकों को दी जानेवाली प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी और मदरसों व संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मियों को ओल्ड पेंशन स्कीम देने को भी मंजूरी दी गयी.