झारखंड के कुख्यात गैं’’गस्टर अमन सिंह और उसके सहयोगियों को अदालत ने क्यों कर दिया बरी ?

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आपने फिल्मों में गैंगस्टरों को देखा ही होगा और उनकी पावर से भी भली भांति वाकिफ होंगे. गैंगस्टर गिरफ्तार होने के बाद भी जेल के अंदर से अपने काम को अंजाम देते रहते हैं और कभी कभी उनके खौफ से लोग गवाही देने से भी मुकर जाते हैं, लेकिन ये सब सिर्फ फिल्मों में नहीं होता है बल्कि ऐसा हकीकत में भी होता है. झारखंड के धनबाद जिला में आंतक का पर्याय बन चुका गैंगस्टर अमन सिंह अपनी पावर के बल पर एक केस से बरी हो गया. धनबाद जिला की निचली अदालत से गैंगस्टर अमन सिंह और उसके सहयोगियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है. रिपोर्ट्स का कहना है कि दो सिपाहियों के गवाही नहीं देने के कारण अमन सिंह को बरी कर दिया गया है.

दैनिक अखबार प्रभात खबर की रिपोर्ट का मानें तो एसआइ इंद्रजीत कुमार राणा ने धनबाद के बैंक मोड़ थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी. एसआइ इंद्रजीत कुमार राणा ने प्राथमिकी में कहा था कि कि उन्हें गुप्त सूचना मिली है कि एक मोबाइल धारक बैंक मोड़ थाना क्षेत्र व धनबाद जिले में रह रहे कई व्यवसायियों को धमकी देकर रंगदारी वसूलने के उद्देश्य से आपराधिक गिरोह को संगठित कर रहा है. जिसके गिरोह में धनबाद जिले के साथ झारखंड सहित दूसरे राज्य के कुख्यात अपराधी शामिल हैं. अभिनव सिंह के फेसबुक में अभिनव प्रताप सिंह के नाम का आइडी बनाकर फेसबुक चलाया जा रहा. जिस आईडी से अभिनव सिंह ने अमन सिंह को अपने साथ टैग किया हुआ है.

आरोप है कि अमन सिंह ने हाल के दिनों में धनबाद के कई जगहों में गोली चलवाई है और अभिनव सिंह ने अमन के इशारे में ये सब घटनाओं को अंजाम दिया है.

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी अजय कुमार सिंह ने इसकी प्रारंभिक जांच सीआईडी से करायी. सीआईडी की जांच में यह बात सामने आयी कि मामले के शिकायतकर्ता एसआई इंद्रजीत कुमार राणा ने 30 जनवरी 2021 को बैंक मोड़ थाना में उक्त लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें गवाह के रूप में धनबाद जिला बल के सिपाही दीपक कुमार सिंह व सिपाही इरफान अहमद को गवाह बनाया गया था.

लेकिन दोनों सिपाही दीपक कुमार सिंह और सिपाही इरफान अहमद गवाही के लिए कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. जब सीआईडी ने दोनों सिपाहियों से इस मामले में पूछताछ की तो सिपाही इरफान अहमद ने बताया कि उन्हें वारंट ही नहीं मिला कि उन्हें कब गवाही देनी है.

वहीं सिपाही दीपक कुमार सिंह ने पूछताछ में कहा कि गवाह के तौर पर उनके नाम का जो हस्ताक्षर दिखाया गया है, वह उनका है ही नहीं. यानी उनका हस्ताक्षर फेक है.

साक्ष्य के अभाव में धनबाद की निचली अदालत ने अमन और उसके सहयोगियों को बरी कर दिया .

लेकिन कौन है गैंगस्टर अमन सिंह

अमन सिंह कोयलांचल का कुख्यात गैंगस्टर है. अमन सिंह झारखंड में खौफ का दूसरा नाम बन चुका है. 21 मई 2021 को अमन सिंह को धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह सहित चार लोगों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.अमन सिंह पर जेल के अंदर रहते हुए कई व्यवसायियों से रंगदारी मांगने और हत्या करवाने का भी आरोप लगता रहा है.

अमन सिंह का गैंग न केवल झारखंड बल्कि झारखंड के बाहर के राज्यों में भी सक्रिय है. रिपोर्ट बताती हैं कि अमन के गुर्गे यूपी में नए लोगों को अपने साथ जोड़ने में लगे हुए हैं. अमन की प्रेमिका भी अमन के काम पूरा सहयोग करती है. चार महिने पहले पुलिस ने अमन की प्रेमिका सहित 10 लोगों को भी गिरफ्तार किया था.

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