बीते दो दिनों से झारखंड की चर्चा देशभर में हो रही है. लगभग हमेशा की तरह चर्चा का विषय एक शर्मनाक घटना है. घटना इतनी झकझोर देने वाली है कि जिसने भी जाना उसने सुनकर अपने सिर पर हाथ रख लिया.नेशनल मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर खबर ट्रेंड करने लगी. खबर थी धनबाद के डिगवाडीह से. डिगवाडीह के कार्मेल स्कूल में कथित तौर पर प्रिंसिपल द्वारा 100 छात्राओं का शर्ट उतरवाने की घटना घटना सामने आई है.
हालांकि घटना की खबर वायरल हो जाने के बाद प्रिंसिपल ने आरोपों का नाकारा है लेकिन धनबाद डीसी माधवी मिश्रा ने मामले की जांच तेज कर दी है. और अब राजनीतिक दल इस घटना पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकनें का मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं. राज्य में किसी मामले का हल निकले या न निकले नेता और पार्टियों बीच आरोप –प्रत्यारोप का दौर शुरु होना तय है.
राज्य की विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस मामले पर झामुमो को घेरा है. झामुमो ने भाजपा को अफनी प्रतिक्रिया तो दी है लेकिन अब तक सीएम हेमंत सोरेन और उनका पत्नी कल्पना सोरेन ने इस मामले पर कुछ भी कहने से दूरी बना ली है.
अब भारतीय जनता पार्टी ने पूरी घटना को शर्मनाक करार देते हुए निष्पक्ष जांच के बाद दोषियों को कठोर सजा दिलाने की मांग की. साथ ही सरकार को इस तरह की घटनाओं के लिए जिम्मेदार करार दिया है.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि इसकी जितनी भी आलोचना की जाए वह कम है. इस घटना की जांच और सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. यह सिर्फ धनबाद की बात नहीं है, राज्य भर में स्कूली बच्चों के साथ अपराध बढ़ रहे हैं. पिछले दिनों रांची के एक स्कूल की छात्राएं इतनी डर गई थीं कि उन्होंने स्कूल जाना छोड़ दिया था. सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड में भी एक छात्रा के साथ बदसलूकी की गई.
भाजपा नेता अजय साह ने कहा कि मेरा साफ आरोप है कि इस तरह की घटना के लिए राज्य सरकार दोषी है. जब नाबालिग बच्चों के साथ होनेवाले अपराध रोकने के लिए बनीं संस्थाएं ही डिफंट रहेंगी तो अपराध कैसे रुकेंगे. राज्य में बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष का पद डेढ़ वर्षों से खाली है. जिला बाल कल्याण समिति के हर जिले में पद खाली हैं. रांची में 05 की जगह सिर्फ 01 सदस्य जिला बाल कल्याण समिति में हैं. ऐसे में सरकार बताए कि बच्चों के अधिकार और उनके संरक्षण के लिए बनीं संस्थाएं ही खाली रहेगीं तो उनके साथ होने वाले अपराध कैसे रुकेगा.
इस पर झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि प्रशासन अपना काम कर रहा है. इस मामले की जानकारी जैसे ही प्रशासन को मिली, धनबाद प्रशासन पूरी तरह हरकत में आ गया है. दोषी बख्शे भी नहीं जाएंगे लेकिन इस तरह के मुद्दे पर चिन्मयानंद और कुलदीप सेंगर वाली पार्टी को सरकार पर बयानबाजी का हक भी नहीं है.
बता दें इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूला मरांडी और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने भी इस मामले पर सरकार को घेरा है.
बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर लिखा- धनबाद के कार्मेल स्कूल में प्रिंसिपल द्वारा 10वीं कक्षा की छात्राओं के शर्ट उतरवा के उन्हें इनर वियर में स्कूल से वापस भेजने का मामला संज्ञान में आया है। विद्यालय प्रबंधन ने अनुशासन के नाम पर अमानवीयता की हद पार कर दी है। इस कृत्य के कारण सैकड़ों छात्राओं को मानसिक पीड़ा हुई है। हैरानी है कि छात्राओं के खिलाफ दुर्व्यवहार के आरोपी प्रिंसिपल की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी, जांच के नाम पर मामले की लीपापोती करने की बजाय सभी दोषियों के विरुद्ध कठोर कारवाई करें।
अमर कुमार बाउरी ने कहा कि डिगवाडीह के कार्मेल स्कूल के प्राचार्य पर 10वीं क्लास की 120 छात्राओं के शर्ट खुलवाकर इनरवियर और ब्लेजर में घर भेजने का कृत्य शर्मनाक है. राज्य सरकार मामले में कठोर कार्रवाई करे.
झारखंड में शर्म भी शर्मिंदा है !कार्मेल स्कूल डिगवाडीह के प्राचार्य पर 10वीं क्लास की 120 छात्राओं के शर्ट खुलवा कर इनरवियर व ब्लेजर में घर भेजने का कृत्य शर्मनाक है !
राज्य सरकार मामले में कठोर कार्रवाई करें …यह घटना अक्षम्य है.
अब एकबार आपको पूरे मामले से अवगत करा देते हैं.
दरअसल धनबाद के डिगवाडीह स्थित कार्मेल स्कूल में प्रिंसिपल पर आरोप है कि 10वीं की करीब 100 छात्राओं की उसने शर्ट उतरवा दी.उनको इनर वियर और ब्लेजर में घर जाने को मजबूर किया.
घटना के अगले दिन 25 छात्रायें अभिभावक के साथ समाहरणालय पहुंची और डीसी माधवी मिश्रा से मिलकर शिकायत दी. छात्राओं का कहना है कि स्कूल में पेन डे सेलिब्रेट कर रहे थे. प्रिंसिपल सिस्टर देवाश्री वहां पहुंची तो हमें डांटा. पुरुष शिक्षकों की मौजूदगी में हमारी शर्ट उतरवाई.
हमें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया. हमारे सम्मान के साथ खिलवाड़ किया. डीसी ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुये तत्काल जांच टीम का गठन किया है. स्कूल प्रबंधन से भी पूछताछ की है. एसडीएम राजेश कुमार ने कहा कि जो भी दोषी होगा कार्रवाई होगी.
छात्राओं ने डीसी ने बताया कि घटनाक्रम से जुड़े सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने के लिए टीचर्स ने धमकाया. प्रिंसिपल ने माफी मांगने को कहा. छात्राओं ने कहा कि वे प्री बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट और बोर्ड परीक्षा की तैयारी को लेकर तनाव में हैं.
झरिया विधायक रागिनी सिंह ने कहा कि डीसी ने मामले में संज्ञान लिया है. वह जांच से संतुष्ट हैं. कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो बच्चियों के हक में लड़ाई लड़ेंगे. सीएम के पास भी जायेंगे. चूंकि, बोर्ड परीक्षा उसी स्कूल में देना है तो स्कूल प्रबंधन पर भरोसा नहीं रह गया है.