झारखंड में ईडी की गाज कब और किस पर गिरेगी इसका अंदाजा बिल्कुल भी नहीं लगाया जा सकता है.झारखंड में ईडी इतनी ज्यादा एक्टिव है कि कभी भी एक्शन मोड पर आ जाती है. अब ईडी ने नेता,कारोबारी, प्रशासनिक अधिकारी के बाद पुलिस अधिकारी पर भी अपना शिकंजा कस रही है. बीते कल ईडी ने साहिबगंज के एसपी नौशाद आलम को समन भेज दिया है. नौशाद आलम पहले एसपी हैं जिन्हें ईडी ने समन किया है. साहिबगंज के 1000 करोड़ के अवैध खनन घोटाला मामले में ईडी की नजर नौशाद आलम पर बनी हुई थी और अब ईडी ने मौका मिलते ही एसपी को पूछताछ के लिए बुलावा भेजा है.
रिपोर्ट्स के अनुसार एसपी नौशाद आलम पर आरोप है कि उन्होंने साहिबगंज के अवैध खनन मामले में ईडी के अहम गवाह रहे विजय हांसदा को गवाही से मुकरने के लिए दबाव बनाया. ईडी को इससे संबंधित कई सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर एसपी का बयान लिया जाना है.एसपी नौशाद आलम में आगामी 22 नवंबर को ईडी ने 11 बजे जोनल कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है.
विजय हांसदा के गवाही से मुकरने के मामले में पहले एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें विजय हांसदा गवाही से नहीं मुकरने के एवज में दूसरे पक्ष से रुपयों की मांग कर रहा था. ईडी उक्त वायरल ऑडियो की सच्चाई खंगाल रही है. इसके अतिरिक्त ईडी ने अपने सर्विलांस, मानव इनपुट व अन्य छानबीन के आधार पर यह पाया कि विजय हांसदा को मुकरने के लिए दबाव बनाने में एसपी साहिबगंज भी एक अहम कड़ी हैं, जिनसे पूछताछ आवश्यक है। इसके बाद ही ईडी ने उन्हें समन किया है.
नौशाद आलम को बीते जुलाई के महीने में ही रांची ग्रामीण एसपी के पद से ट्रांस्फर कर साहिबगंज के एसपी की कमान सौंपी गई थी.
दरअसल, साहिबगंज के नींबू पहाड़ गांव के प्रधान विजय हांसदा ने पंकज मिश्रा पर अवैध खनन और धमकाने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच की मांग की थी. उनका आरोप था कि पंकज मिश्रा सत्ता का दुरुपयोग कर नींबू पहाड़ पर अवैध खनन करा रहा है. कोर्ट में आने से पहले विजय हांसदा ने स्थानीय थाना मैं अवैध खनन की शिकायत की थी,लेकिन पुलिस ने आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि विजय हांसदा के खिलाफ प्रथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया था.
लिहाजा पुलिस पर अविश्वास जताते हुए विजय हांसदा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन अब पूरे मामले में विजय हांसदा ही अपने बयान से पलट चुका है.
विजय हांस्दा के बयान से पलटने के बाद से ही कोर्ट ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया . कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को सौंप दी. सीबीआई ने भी अपनी जांच में पाया है कि विजय हांसदा के बैंक खाते में कई संदेहास्पद लेन-देन हुए थे. वहीं कैश में भी उसने पैसे लिए. इस पूरे मामले में साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव व एसपी नौशाद आलम की भूमिका प्रमुख रही. ईडी ने अपने गवाह के कोर्ट में हास्टाइल होने की जांच की तो पाया कि रांची हाईकोर्ट में लाने से लेकर कोर्ट में गवाही कराने तक में नौशाद आलम की भूमिका रही. डीसी व एसपी अपने साथ ही विजय हांसदा को रांची लाए थे.
अब इस केस में आगे क्या होगा यह 22 नवंबर के बाद ही पता चलेगा. देखने वाली बात होगी कि 22 नवंबर को एसपी नौशाद आलम ईडी की पूछताछ में पहुंचते हैं या नहीं.