मांडू सीट

मांडू सीट पर कौन होगा NDA का उम्मीदवार, गठबंधन में सीट शेयरिंग पर फंसेगा पेंच

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मांडू विधानसभा सीट पर एनडीए की ओर से किस राजनीतिक दल का प्रत्याशी होगा. इसे लेकर खूब माथापच्ची चल रही है.

दरअसल, एनडीए में शामिल बीजेपी, आजसू और जेडीयू तीनों ही यहां अपना उम्मीदवार चाहते हैे.

गौरतलब है कि झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कभी भी किया जा सकता है. सभी राजनीतिक दल गठबंधन से लेकर सीट शेयरिंग तक के लिए मंथन में जुटे हैं. गठबंधन में कौन सी पार्टी किस सीट पर चुनाव लड़ेगी, इस पर भी विचार किया जा रहा है.

आज बात करेंगे मांडू विधानसभा सीट की जहां एनडीए के लिए सीट शेयरिंग पर एकमत होना मुश्किल साबित हो सकता है क्योंकि बीजेपी, आजसू पार्टी और जेडीयू, सभी ने इस सीट पर दावेदारी ठोक दी है.

ये मुश्किल इसलिए भी आई है क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी, आजसू और जेडीयू गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेंगे.

2019 में ऐसा नहीं था. तब बीजेपी और आजसू अलग-अलग चुनाव लड़े थे.

यहां से 2005 में जेडीयू के खीरू महतो चुनाव जीत चुके हैं. इस बार यही सीट बेटे के लिए चाहते हैं. आजसू, कुरमी समुदाय वाला समीकरण देख अपना उम्मीदवार चाहती है वहीं बीजेपी ने 2019 में यहां जीत दर्ज की थी इसलिए दावेदारी मजबूत है.

एनडीए के सभी घटल दल की मांडू पर निगाहें
सियासी जानकारों की मानें तो मांडू विधानसभा सीट पर एनडीए फोल्डर के सभी घटक दलों की निगाहे हैं.

2019 में बीजेपी के उम्मीदवार रहे जयप्रकाश भाई पटेल ने जीत हासिल की थी. हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस में चले गये और हजारीबाग लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा. हारे और दल-बदल मामले में विधायकी भी गवां दी.

चूंकि, बीजेपी ने 2019 में मांडू सीट पर जीत दर्ज की थी तो वह इसे छोड़ना नहीं चाहती.

हालांकि, जेपी के कांग्रेस में जाने के बाद बीजेपी किसे अपना प्रत्याशी बनाना चाहती है फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है.

आजसू पार्टी मांडू में कुरमी बहुल आबादी को देख अपना प्रत्याशी चाहती है. आजसू पार्टी तिवारी महतो को उम्मीदवार बनाना चाहती है.

पिछली बार यहां आजसू ने निर्मल महतो को प्रत्याशी बनाया था. वहीं, जातीय समीकरण देख जेडीयू भी दावा ठोक रहा है.

दरअसल, झारखंड जेडीयू के अध्यक्ष खीरू महतो 2005 में यह सीट जीत चुके हैं. जेडीयू और बीजेपी में चुनाव पूर्व गठबंधन हो चुका है.

सीट शेयरिंग पर मंथन जारी है. खबरे हैं कि खीरू महतो अपने बेटे की सियासी पारी की शुरुआत के लिए मांडू सीट चाहते हैं. सवाल है कि क्या आजसू पार्टी इस बात पर राजी हो पायेगी.

भारतीय जनता पार्टी के लिए दोहरी मुश्किल
बीजेपी के लिए दोहरी मुश्किल है. अव्वल तो बीजेपी खुद मांडू विधानसभा सीट पर अपना प्रत्याशी चाहती है. वजह साफ है कि 2019 में उसे यहां जीत मिली थी.

हालांकि, यह भी ध्यान रखना होगा कि तब उम्मीदवार जेपी भाई पटेल थे जिनकी यह परंपरागत और पारिवारिक सीट रही है. पिता टेकलाल महतो मांडू सीट से कई बार जीते. यदि बीजेपी इस सीट को छोड़ती भी है तो बड़ा सवाल है कि फिर देगी किसे.

आजसू को या फिर जेडीयू को. 2019 में आजसू, बीजेपी औऱ जेडीयू साथ नहीं थे लेकिन अब हैं.

खीरू महतो चाहते हैं कि यहां से एनडीए प्रत्याशी के रूप में उनके बेटे को मौका मिले वहीं आजसू यहां अपना उम्मीदवार चाहती है. बीजेपी के लिए मुश्किल है किसी एक सहयोगी को त्याग के लिए मनाना.

तीनों में से किसी 2 घटक दल को तो कुर्बानी देनी होगी.

कुरमी बहूल मांडू तय करेगा चुनाव का नतीजा
गौरतलब है कि मांडू विधानसभा सीट 2 जिलों में फैली है. रामगढ़ और हजारीबाग. रामगढ़ के 2 प्रखंड मांडू और डाडी जबकि हजारीबाग के 5 प्रखंड इसमें शामिल हैं.

मांडू प्रखंड हमेशा निर्णायक होता है क्योंकि पूरे विधानसभा में 520 बूथ में से 239 बूथ अकेले मांडू में है. मांडू प्रखंड कुरमी और वैश्य बहुल आबादी वाला इलाका है. वैश्य वोट बिखरे हैं लेकिन कुरमी समुदाय हमेशा एकमुश्त वोट देता है.

यही वजह है कि 2019 में यहां बीजेपी, झामुमो और जेवीएम ने कुरमी प्रत्याशियों को उतारा. दिलचस्प है कि जेपी पटेल, राम प्रकाश भाई पटेल और चंद्रनाथ भाई पटेल तीनों भाई हैं. आजसू ने तिवारी महतो और जदयू ने दुष्यंत पटेल को उतारा.

गौर करने वाली बात ये भी है कि 1985 से 2019 तक मांडू सीट पर कुरमी समुदाय का प्रत्याशी ही जीतता आया है.

इसे भी ध्यान में रखना होगा.

2019 में विधानसभा चुनाव में किसे मिली थी जीत
2005 से 2019 तक मांडू सीट पर हुए चुनाव के नतीजों की बात करें तो 2005 में जेडीयू के खीरू महतो इस सीट से चुनाव जीते थे.

रामप्रकाश भाई पटेल (झामुमो) दूसरे स्थान पर रहे थे. भाकपा (माले) के रामेश्वर महतो तीसरे स्थान पर रहे थे. 2009 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के टेकलाल महतो चनाव जीते.

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कुमार महेश सिंह दूसरे स्थान पर रहे. चंद्रनाथ भाई पटेल तीसरे स्थान पर रहे भाकपा (माले)

2014 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के जेपी पटेल चुनाव जीते. बीजेपी के कुमार महेश सिंह दूसरे स्थान पर रहे. झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के चंद्रनाथ भाई पटेल तीसरे स्थान पर रहे.
जाहिर है कि सीट शेयरिंग के दौरान मांडू सीट पर बीजेपी, जेडीयू और आजसू के बीच आसानी से सहमति बन पाना मुश्किल लगता है.

सवाल है कि कौन त्याग करेगा.

 

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