उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ में 15 अभ्यर्थियों की मौत मामले की जांच होगी.
जमशेदपुर में पीएम मोदी ने उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ में जान गंवाने वाले लड़कों को श्रद्धांजलि देते हुए ऐलान किया है कि यदि राज्य में एनडीए की सरकार बनी तो पूरे मामले की जांच होगी.
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि झारखंड में बेरोजगारी चरम पर है. रोजगार के चक्कर में 15 लड़कों ने जान गंवा दी.
शनिवार को भी उत्पाद सिपाही अभ्यर्थी की मौत
गौरतलब है कि झारखंड में उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ में शामिल होने आये 14 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है.
शनिवार को रांची स्मार्ट सिटी में दौड़ के दौरान जमशेदपुर के बर्मा माइंस निवासी मुरामुल्ला सूर्या की जान चली गई. निर्धारित 1 घंटे में 10 किमी की दौड़ सूर्या ने 52 मिनट में ही पूरी कर ली थी. इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई.
उसे रिम्स में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ के दौरानव अब तक बिहार के गया निवासी अमरेश कुमारी, रांची के अजय महतो, पलामू के अरुण कुमार, गोड्डा के प्रदीप कुमार की मौत हो गई. हजारीबाग में अभ्यर्थी सूरज वर्मा और महेश कुमार की जान भी चली गई. रांची में 3, गिरिडीह में 3, पूर्वी सिंहभूम-साहिबगंज में 1-1 अभ्यर्थी की जान गई है.
उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ में अब तक 14 की मौत
उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ में 300 से ज्यादा अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ चुकी है.
आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो इनमें से 14 अभ्यर्थियों ने अपनी जान गंवाई है.
सरकार इसके लिए कोरोना और वैक्सीन को जिम्मेदार ठहरा रही है तो वहीं विपक्ष का आरोप है कि कड़ी धूप में नियम विरुद्ध जाकर अभ्यर्थियों को महज 1 घंटे में 10 किमी तक दौड़ाया जा रहा है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियमावली में समीक्षा करने की बात कही थी. यह भी कहा था कि मृतकों के आश्रितों को सहायता राशि देने का प्रस्ताव लाया जायेगा.