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उत्पाद सिपाही भर्ती नियमावली में होगा बदलाव, सीएम हेमंत ने किया बड़ा ऐलान

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उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ के दौरान अभ्यर्थियों की लगातार हो रही मौत के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियमावली में बदलाव का निर्देश दिया है.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ के दौरान दुर्भाग्यवश जान गंवाने वाले अभ्यर्थियों के परिवारवालों को तत्काल राहत पहुंचाने का प्रस्ताव तैयार किया जायेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पाद सिपाही की नियुक्ति प्रक्रिया में दौड़ के क्रम में प्रतिभागियों की असामयिक मौत से मैं मर्माहत हूं.

उन्होंने कहा कि नियमावली की समीक्षा की जायेगी. इसके बाद इसमें जरूरी बदलाव किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाली तमाम बहालियों में नियमावली में जरूरी बदलाव किया जायेगा.

सुबह 9 बजे के बाद किसी हाल में दौड़ नहीं होगी
उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया अगले 3 दिन स्थगित कर दी गई है.

मुख्यमंत्री ने यह बड़ा ऐलान करते हुए यह भी कहा है कि अब से किसी भी सूरत में सुबह 9 बजे के बाद दौड़ का आयोजन नहीं किया जायेगा.

सीएम ने ऐलान किया है कि जिन अभ्यर्थियों को दौड़ से पहले हेल्थ चेकअप की जरूरत महसूस होगी, उनके लिए पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों की तैनाती की जायेगी. प्रतियोगिता स्थल पर अभ्यर्थियोंके लिए फल और नाश्ते का प्रबंध किया जायेगा.

कोई भी अभ्यर्थी अब भूखे पेट दौड़ में हिस्सा नहीं लेगा.

अभ्यर्थियों की मौत पर सीएम ने जताई चिंता
मुख्यमंत्री ने दौड़ के दौरान अभ्यर्थियों की मौत और बीमार पड़ने पर चिंता जताते हुए कहा है कि आखिर किस वजहसे गांव समाज से आने वाले अपेक्षाकृत चुस्त और स्वस्थ लोग शारीरिक परीक्षण के दौरान बीमार पड़ रहे हैं.

झारखंड सहरित देश में पिछले 3-4 साल में सामान्य जन के स्वास्थ्य में ऐसा क्या बदलाव आया है.

उन्होंने कहा कि इन युवाओं की आकस्मिक मौत के कारणों की भी समीक्षा की जायेगी.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक समिति का भी गठन किया जायेगा.

11 अभ्यर्थियों की दौड़ के दौरान मौत का दावा
गौरतलब है कि उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में अभ्यर्थी बीमार पड़े हैं.

पलामू, हजारीबाग, रांची और साहिबगंज के अलग-अलग सेंटर में अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है. सरकारी आंकड़ा 8 मौतों का है लेकिन अभ्यर्थी दावा करते हैं कि 11 लोग दौड़ के दौरान जान गंवा चुके हैं.

बताया जा रहा है कि दोपहर में कड़ी धूप में दौड़, मेडिकल फैसिलिटी की कमी, घास के मैदान या मिट्टी की जगह तारकोल वाली कंक्रीट की सड़क पर दौड़ का आयोजन कराने की वजह से ऐसी घटना हुई है.

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