मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और जामा विधानसभा सीट से विधायक सीता सोरेन की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. विधायक सीता सोरेन आज रांची सीबीआई कोर्ट पहुंची. इस दौरान उन्होंने अदालत में अपना पासपोर्ट जमा किया. दरअसल साल 2012 में सीता सोरेन पर हॉर्स ट्रेडिंग यानी पैसे लेकर राज्यसभा में वोट देने का आरोप लगा है और इस मामले में सीता सोरेन के खिलाफ आपराधिक मामला चल रहा है. इसी मामले को लेकर आज सीता सोरेन सीबीआई कोर्ट में हाजिर हुई थी.
जामा विधायक पर आरोप है कि उन्होंने पैसे लेकर राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी आरके अग्रवाल के पक्ष में वोट किया था. सीबीआई ने सीता सोरेन के खिलाफ एक चार्जशीट भी दाखिल की। जिसमें हॉर्स ट्रेडिंग मामले में 50 लाख रुपये लेकर प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने का आरोप लगाया। चार्जशीट में बैंक अकाउंट के जरिये पैसे लेने की भी बात कही गयी है.
क्या है पूरा मामला
रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2012 में सीबीआइ की ओर से अधिकारी एके झा ने विशेष न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत में अंतरिम आरोप पत्र दायर किया. इसमें विधायक सीता सोरेन पर 2012 में रद्द हो चुके राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी आरके अग्रवाल से वोट देने के बदले 1.5 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सीता सोरेन ने इस निर्दलीय प्रत्याशी को वोट भी नहीं दिया था. चुनाव के दिन ही जमशेदपुर से रांची आ रही एक गाड़ी से आयकर विभाग ने 2 करोड़ 15 लाख रुपये जब्त किये थे.प्रभात खबर की रिपोर्ट के अनुसार सीबीआइ ने पूरे मामले की गहराई से जब जांच की तो कई रोचक तथ्य उसके हाथ लगे. चुनाव के ठीक पहले निर्दलीय प्रत्याशी आरके अग्रवाल रांची आये थे. वह होटल रेडिसन ब्लू में ठहरे थे. उन्होंने होटल से ही विधायक सीता सोरेन से फोन पर बात की.
इसके बाद सीता सोरेन ने अपने आप्त सचिव को आरके अग्रवाल के पास होटल रेडिसन ब्लू भेजा. आप्त सचिव होटल पहुंचे, आरके अग्रवाल से मिले. अग्रवाल ने उन्हें 30 लाख रुपये दिये, पर उन्होंने 30 लाख रुपये लेने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि बगैर सीता सोरेन से बात किये वह पैसे नहीं लेंगे. उन्होंने अग्रवाल की बात सीता सोरेन से करायी. सीता सोरेन ने अग्रवाल को साफ-साफ कर दिया कि आधा नहीं, पूरा लेंगे. सीता सोरेन के नहीं मानने पर शाम में नोटों से भरा दूसरा बैग आया. इस बैग को सीता सोरेन के आप्त सचिव को सौंप दिया गया. बैग लेकर वह कुछ लोगों के साथ जमशेदपुर की ओर रवाना हो गया.
आरके अग्रवाल ने सीता सोरेन के आप्त सचिव को जो 1.5 करोड़ रुपये दिये, उसमें से एक करोड़ रुपये विधायक सीता सोरेन के पिता बोध नारायण माझी के पास चले गये. वहीं डेढ़ करोड़ में से जो 50 लाख रुपये बच गये थे, उसे सीता सोरेन के आप्त सचिव राजेंद्र मंडल ने अपने पास रख लिया.
रिपोर्ट्स बताते हैं कि पैसों के लेन-देन के पूरे मामले के सबूत सीबीआइ के पास हैं. इस केस के सिलसिले में सीबीआइ ने संबंधित साक्ष्य भी अदालत में पेश किये हैं.
बता दें सीबीआइ ने हॉर्स ट्रेडिंग मामले में कई विधायकों के ठिकानों पर छापामारी की थी. 21 अन्य विधायकों सहित कुछ और लोगों के विरुद्ध जांच चल रही है. अब तक इस मामले में सीता सोरेन को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है अब देखना होगा कि आगे सीबीआई कोर्ट क्या फैसला सुनाती है.
रिपोर्ट- अंवतिका राज चौधरी