नैंसी सहाय

बिरहोर की मौत मामले में हजारीबाग डीसी नैंसी सहाय को समन, पूरा मामला क्या है!

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हजारीबाग की उपायुक्त नैंसी सहाय को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिरहोर आदिम जनजाति के 2 लोगों की मौत मामले में समन किया है. आयोग ने नैंसी सहायक को 10 फरवरी तक सशरीर उपस्थित होकर जवाब देने के लिए कहा है.

आयोग ने डीसी नैंसी सहाय से 4 सवाल भी किए हैं.

यदि वक्त पर इसका जवाब मिला तो नैंसी सहाय को व्यक्तिगत पेशी से छूट भी मिल सकती है. मामला हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखंड अंतर्गत एनटीपीसी चट्टी बरियातू कोल परियोजना में खनन दुष्प्रभाव की वजह से आदिम जनजाति समुदाय के किरणी बिरहोर औऱ बहादुर बिरहोर की मौत से जुड़ा है.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उपायुक्त नैंसी सहाय से कहा है कि वह 10 फरवरी तक सशरीर उपस्थित होकर जवाब दाखिल कराएं.

उनको 10 फरवरी से पहले 4 बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी गयी है. यदि उन्होंने जवाब दिया तो उनको व्यक्तिगत पेशी से छूट मिल सकती है.

नवंबर में 6 बिंदुओं पर मांगी गयी थी रिपोर्ट
बताया जाता है कि मंटू सोनी की शिकायत और हजारीबाग के एसपी की रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने डीसी नैंसी सहाय को नोटिस किया है. उनसे पिछले साल नंवबर माह में भी 6 बिंदुओं पर छह सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी थी.

हालांकि, उपायुक्त की ओर से रिपोर्ट नहीं भेजी गयी तो उनको समन जारी किया गया है.

दरअसल, रिपोर्ट में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पाया है कि बिरहोर टोला (पगार) में एनटीपीसी द्वारा किए जा रहे खनन से प्रदूषण बढ़ा है. जिसकी वजह से स्थानीय बिरहोर आबादी संकट में है.

खनन कार्य की वजह से बढ़ा है प्रदूषण स्तर
बताया जाता है कि खनन कार्य का प्रतिकूल असर पगार के निवासियों पर हुआ है.

जवाब मांगा गया है कि आखिरकार बिरहोर समुदाय किस वजह से एनटीपीसी द्वुारा निर्मित कॉलोनी में रहने नहीं जाते हैं. एनटीपीसी द्वारा खनन कार्य शुरू किए जाने के बाद से कितने लोगों की मृत्यु हुई है. मौत का कारण क्या रहा.

इस बीच डीसी नैंसी सहाय ने कहा कि हमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का समन मिला है. हम इस पर उपयुक्त जवाब देंगे.

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