झारखंड में स्थानीयता और नियोजन नीति पर भाजपा का बड़ा दावा, मेनिफेस्टो में शामिल होगी ये बड़ी बात!

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Ranchi : क्या भाजपा अपने घोषणा पत्र में एक बार फिर से नियोजन व स्थानीय नीति को शामिल करने वाली है. अगर भाजपा इस नीति को अपने घोषणा पत्र में शामिल करती है तो इससे चुनाव में कितना फायदा होगा. क्या भाजपा भी मानने लगी है कि पूर्ववर्ती रघुवर दास की लाई नियोजन नीति गलत थी.भाजपा इसके अलावा और किन बड़े मुद्दो को अपने घोषणा पत्र में शामिल कर रही है.

दरअसल, बीते बुधवार को नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने बड़ा दावा कर दिया है कि अगर झारखंड में भाजपा की सरकार बनी तो नियोजन और स्थानीय नीति में सुधार लाएंगे.

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार मे जो नियोजन नीति बनी थी और स्थानीय नीति को परिभाषित किया गया था अगर इस बार एनडीए की सरकार बनी तो इसे औऱ बेहतर बनाया जाएगा. इसे पार्टी के मेनिफेस्टो में शामिल किया जाएगा.

आपको बता दें कि राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है बांग्लादेशी घुसपैठ का जिसपर राज्य सरकार गंभीर नहीं दिखाई पड़ती है. इसके अलावा राज्य में लगातार बिगड़ता लॉ एंड ऑर्डर भी बड़ा मुद्दा भाजपा के लिए है जिसे अपने घोषणा पत्र में शामिल कर सकती है.

उक्त बातें बीते बुधवार को गिरिडीह के पूर्व सांसद रविंद्र कुमार पांडेय के आवास पर अमर बाउरी ने पत्रकारों से कहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सबसे बड़ी नाकामी खराब लॉ एंड ऑर्डर है.

हर रोज पांच दुष्कर्म और पांच हत्याएं हो रही है, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता. वहीं अब भाजपा राज्य की इन सभी मुद्दो को अपने मेनिफेस्टो में शामिल करने की सोच रही है.

बता दें कि पिछले विधासभा चुनाव से पहले झामुमो ने विधानसभा चुनाव में वोटरों को लुभाने के लिए कई वादे किए थे. वहीं अब यही फॉर्मूला भाजपा अपनाने जा रहा है.
मीडिया रिर्पोट्स के मुताबिक पिछले चुनाव में झामुमो ने गरीबों को सालाना 72 हजार रुपये देने का वादा किया था.

स्थानीय लोगों के अधिकार पर ज्यादा फोकस किया गया था. जिसके तहत 1932 खातियान आधारित नियोजन व स्थानीय नीति बनाने की बात कही गई थी. इसके अलावा महिलाओं के अधिकार, युवाओं के अधिकार, किसान एवं खेतिहर मजदूरों के अधिकार, गरीबों के अधिकार, जल, जंगल, जमीन, आदिवासी दलित कल्याण एवं वन संरक्षण आदि भी घोषणा पत्र के एजेंडे में शुमार थे.

साथ ही कहा गया था कि झामुमो की सरकार बनी तो बेरोजगार अधिकार कानून बनाया जाएगा. हालांकि इस घोषणापत्र में से अब तक किसानों की कर्ज माफी हुई है. इसके अलावा दो तीन योजनाओं को छोड़ कर देखे तो सरकारी अब भी अपने घोषणा पत्रों में दिए गए योजनाओं को धरातल पर उतारने में विफल रही है.  हालांकि इन सभी योजनाओं के विफल होने का हवाला कोराना महामारी और विपक्ष को देती आई है.

बहरहाल अब भाजपा अपने पूर्ववर्ती सरकार की लाई गई नियोजन नीति को शामिल करने वाली है. इसके अलावा अपने मेनिफेस्टो मे बांग्लादेशी घुसपैठ, आदिवासियों से जुड़े मुद्दे , स्थानीय व नियोजन नीति में सुधार समेत कई मुद्दो को शामिल करने की सोच रही है.

लेकिन सवाल ये है कि पूर्ववर्ती सरकार में लाई गई नियोजन नीति में सुधार करने की बात भाजपा कर रही है क्या भाजपा खुद भी इसे स्वीकार करती है कि उसकी सरकार ने लाई गई नीति में कुछ त्रुटियां थी.

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