Jharkhand Assembly Election Date : झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा इस वजह से नहीं हुई…

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Ranchi : निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है. अगले कुछ महीनों में महाराष्ट्र और झारखंड में भी विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने वाला है. चर्चा थी कि आयोग झारखंड में भी चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

सवाल है कि आखिर झारखंड में चुनाव का ऐलान क्यों नहीं हुआ. इसकी क्या वजह है. झारखंड में आखिर कब तक चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है.

चर्चा थी कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के साथ ही झारखंड और महाराष्ट्र में भी चुनाव की घोषणा हो जायेगी. इसकी एक वजह ये भी है कि अभी कल ही 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने कहा था कि देश को गंभीरता से वन नेशन वन इलेक्शन पॉलिसी के बारे में सोचना चाहिए.

इससे पहले केंद्र की मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था जिसे देश में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एकसाथ कराने की संभावना तलाशने का जिम्मा सौंपा गया था.

इस कमिटी ने मार्च 2024 में जो रिपोर्ट सौंपी उसमें वन नेशन वन इलेक्शन की पैरवी की गई है. इसलिए लग रहा था कि इन 4 राज्यों में एक साथ चुनाव कराकर वन नेशन वन इलेक्शन वाली पॉलिसी की तरफ बड़ा कदम बढ़ाया जा सकता है. हालांकि ऐसा नहीं किया गया. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने इसके पीछे कई कारण गिनाये हैं.

दरअसल, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में चुनाव जल्द करने के पीछे कुछ ठोस कारण हैं. हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को खत्म हो रहा है. दूसरी ओर जम्मू कश्मीर में लंबे समय से विधानसभा चुनाव कराने की मांग हो रही थी.

कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में डाली गई थी. दरअसल, 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने वाली धारा 370 को निरस्त कर दिया था. जम्मू-कश्मीर औऱ लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. विधानसभा चुनाव कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 30 सितंबर तक चुनाव कराने का निर्देश दिया था.
जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव होगा. सिक्योरिटी रिव्यू के लिए आयोग ने 14 अगस्त को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ बैठक की थी. 9 अगस्त को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था.

यही वजह है कि इन दोनों राज्यों में ही चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया है.बहरहाल, सवाल ये है कि महाराष्ट्र औऱ झारखंड में चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी क्यों. महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर 2024 को पूरा हो रहा है.

झारखंड में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 तक है. हालांकि भाजपा प्रभारियों के लगातार झारखंड दौरे के बाद से यह कयास लगने लगे थे कि यहां भी समय से पूर्व चुनाव करा लिए जाएंगे.

जेल से बाहर आने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कहा था कि हमने सुना है बीजेपी यहां समय पूर्व चुनाव कराना चाहती है. मैं तो कहता हूं कि चाहें तो समय पूर्व चुनाव करा लें. हालांकि, चुनाव आयोग ने इन कयासों पर विराम लगा दिया है.

कई लोग सोच रहे होंगे कि फिर चुनाव आयोग झारखंड दौरे पर क्यों आई थी. आपको बता दें कि चुनाव आयोग की टीम चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने आई थी. इसी महीने फिर चुनाव आयोग की टीम झारखंड दौरे पर आ रही है. इसकी जानकारी झारखंड निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने कुछ दिन पहले ही दिया था. उन्होंने तब ये भी कहा था कि चुनाव को लेकर सारी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई है.

मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन इस महीने 27 अगस्त को कर दिया जाएगा. चुनाव की तारीख पर फैसला भारत निर्वाचन आयोग के स्तर तय होगा. विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए उनका कार्यालय पूरी तरह से तैयार है. जिला स्तर पर भी चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी है.

आयोग को राज्य में इस संबंध में सारी तैयारियां पूरी होने की जानकारी दे दी गई है. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग की टीम शीघ्र ही चुनाव की समीक्षा के लिए झारखंड आएगी.

बता दें कि 2019 में झारखंड विधानसभा का चुनाव 5 चरणों में आयोजित किया गया था, उस दौरान पहला चरण 30 नवंबर, दूसरा चरण 7 दिसंबर, तीसरा चरण 12 दिसंबर, चौथा चरण 16 दिसंबर और पांचवां चरण 20 दिसंबर को हुआ था. झारखंड चुनाव की नतीजों की घोषणा 23 दिसंबर 2019 को की गई थी.

इससे अनुमान लगाए जा रहे हैं कि इस बार भी इस पैटर्न को चुनाव आयोग फॉलो करेगा.

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