बांग्लादेश में तनाव के बीच झारखंड में घुसपैठ की आशंका, स्पेशल ब्रांच ने जिलों को भेजा अलर्ट

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Ranchi: आरक्षण विरोधी आंदोलन और फिर तात्कालीन पीएम शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश छोड़कर भाग जाने के बाद बांग्लादेश में हालात ठीक नहीं हैं. नई अंतरिम सरकार का गठन हो गया लेकिन अब भी वहां अल्पसंख्यक हिंदू आबादी के खिलाफ हिंसा की खबरें आ रही हैं. इस बीच बांग्लादेशी नागरिकों के भारत की सीमा पर घुसपैठ की तस्वीरें सामने आ चुकी है. झारखंड ऐसा राज्य है जहां पहले से ही बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर सियासत गरमाई हुई है. इस बीच झारखंड पुलिस के स्पेशल ब्रांच ने बांग्लादेशी घुसपैठ की आशंका जताई है. इसे रोकने के लिए शुरुआती कदम उठाए गये हैं. स्पेशल ब्रांच के एसपी ने पत्र लिखे हैं.

झारखंड पुलिस और जिला प्रशासन अलर्ट पर
गौरतलब है कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ की आशंका के मद्देनजर स्पेशल ब्रांच के एसपी ने राज्य के सभी उपायुक्तों सहित रांची, धनबाद और जमशेदपुर के एसएसपी और सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है. इन्हें बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर आगाह किया गया है. स्पेशल ब्रांच के एसपी ने कहा कि पड़ोसी मुल्क में जारी तनाव के बीच घुसपैठ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. सभी वरीय पदाधिकारियों को निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है ताकि घुसपैठ न हो सके.

घुसपैठ पर स्पेशल ब्रांच को सूचित करने का निर्देश
स्पेशल ब्रांच के एसपी ने निर्देश दिया है कि यदि घुसपैठ को लेकर कोई सूचना मिलती है तो अविलंब कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच को सूचित करें. मुख्य सचिव एल खियांग्ते ने भी संताल परगना के 6 जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक की. स्पेशल ब्रांच द्वारा अलर्ट जारी किए जाने के बाद झारखंड पुलिस औऱ जिला प्रशासन बहुत सचेत है. संताल परगना में पहले ही बांग्लादेशी घुसपैठ का दावा किया जा रहा है.

बांग्लादेश में हिंदू आबादी पर हमले की खबरें चिंताजनक
गौरतलब है कि बांग्लादेश में नई अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है जिसके मुखिया मोहम्मद युनूस हैं. पुलिस भी सड़कों पर लौट आई है. सेना भी निगरानी कर रही है. हालांकि इस बीच बांग्लादेश में हिंदू आबादी पर हमले की खबरें सामने आ रही है. ढाका में 1971 में मुक्तिवाहिनी-भारतीय सेना की जीत के प्रतीक एक स्मारक को तोड़ दिया गया है. कविगुरू और बांग्लादेश का राष्ट्रगान आमार सोनार बांग्ला लिखने वाले रबींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा भी खंडित की गई. बंगबंधु शेख मुजीब की प्रतिमायें तोड़ दी गयी.

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