आदिवासी IAS, IPS और जज नाममात्र हैं, वर्ल्ड ट्राइबल डे पर बोले सीएम हेमंत सोरेन

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रांची:

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर रांची में आयोजित कार्यक्रम में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आजादी के इतने समय बाद भी देश की बड़ी सिविल सेवा और कॉर्पोरेट घरानों में ऊंचे पदों पर आदिवासी, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यकों की संख्या काफी कम है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएएस, आईपीएस, जज सहित अन्य बड़ी सरकारी सेवाओं और बड़े कॉर्पोरेट-बिजनेस घरानों में भी दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक और आदिवासी की संख्या नाम-मात्र है. उन्होंने कहा कि हमें देश के बुनियादी विकास में आदिवासियों की भागीदारी बढ़ानी होगी. उन्होंने कहा कि हमें संकल्प लेना होगा कि आदिवासियों के उत्थान, विकास और उनकी सांस्कृतिक-सामाजिक विरासत के संरक्षण के लिए काम होंगे. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार यही प्रयास करती है.

लंबे संघर्ष के बाद अलग झारखंड राज्य बना
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैकड़ों बलिदानों के बाद लंबे संघर्ष से गुजरकर अलग झारखंड राज्य बना. गठन से लेकर अब तक कई सरकारें आईं और गईं. 2019 से हमने सत्ता संभाली है. सरकार गठन करते ही कोविड महामारी आ गई. काम रूक गया. हम आदिवासी दिवस भी नहीं मना सके लेकिन अब फिर से इसकी शुरुआत हो गई है. हमारी सरकार का प्रयास है कि कैसे न केवल आदिवासी समाज का उत्थान और विकास हो बल्कि उनकी सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण भी किया जा सके. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने एकलव्य विद्यालय, मॉडल स्कूल, सर्वजन पेंशन योजना और मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना के जरिये समाज के हर तबके की भलाई का प्रयास किया है.

विकास के मानदंडों पर पिछड़ा है झारखंड
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे झारखंड को देश-विदेश में सोने की चिड़िया कहा जाता है. देश की 45 फीसदी खनिज संपदा केवल झारखंड में है, बावजूद इसके विकास के तमाम मानदंडों पर हमारा राज्य पिछड़ा है. हमें इसे बदलना होगा. हमारी सरकार झारखंड के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार से लोगों की उम्मीदें हैं और हम उनपर खरा-उतरने का पूरा प्रयास करेंगे.

 

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