झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को किसी भी समय मंत्री पद से हटा दिया जा सकता है. इसका कारण है कि आलमगीर आलम ने गिरफ्तारी के बाद अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया. अब झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सीएम चंपाई सोरेन के बीच मंत्री पद से हटाने की सहमति हो सकती है. बता दें कि आलमगीर कांग्रेस कोटे से मंत्री हैं.
आलमगीर की गिरफ्तारी के बाद, सीएम चंपाई ने पहले अपने पार्टी के नेताओं से चर्चा की. इसके बाद, उन्होंने कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से भी बातचीत की. जानकारी के अनुसार, सीएम चंपाई ने सबसे पहले कांग्रेस से कार्रवाई की मांग की है. अगर कांग्रेस इस पर कोई फैसला नहीं करती है तो सरकार को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ेगी.
दैनिक भास्कर के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि सीएम चंपाई सोरेन से आलमगीर आलम के संबंध में बातचीत नहीं हुई है. आलमगीर आलम पार्टी के पुराने और वरिष्ठ नेता है। प्रदेश कांग्रेस उनपर कार्रवाई को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. आलमगीर आलम खुद इतने मजबूत व्यक्ति है कि वह इन आरोपों के बाद शांत नहीं रहेंगे.
आलमगीर आलम की ओर से जल्द ही कोई फैसला लिया जायेगा। आलमगीर की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि मुझे यह गिरफ्तारी राजनीति से प्रभावित लगती है, क्योंकि आलमगीर आलम ED का पूरा सहयोग कर रहे थे. समय से पहले पूछताछ के लिए पहुंचे और ED के सवालों का जवाब दिया. झारखंड में चार सीटों पर हुए चुनाव के आंकड़े भाजपा को विचलित कर रही हैं.