Ranchi : आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टीयां चुनावी बिगुल फूंक चुकी है. बीते 2 मार्च को भाजपा ने झारखंड से 11 उम्मीदवारों की घोषणा की. बहरहाल इस आर्टिकल पर हम आपको बताएंगे हजारीबाग लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी मनीष जायसवाल के बारे.
बेहद आक्रामक तेवर के माने जाने वाले नेता मनीष जायसवाल हजारीबाग जिले के बड़कागांव स्थित चेपाकला पंचायत के रहने वाले है. हालांकि उनका जन्म बिहार के मोतिहारी जिले में हुआ था. मनीष जायसवाल ने अपनी प्रथामिक और माध्यमिक शिक्षा संत जेवियर स्कूल हजारीबाग से पूरी की है. संत जेवियर स्कूल बोकारो से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने संत कोलंबस कॉलेज हजारीबाग से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पुरी की. मनीष जायसवाल ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद अपने पिता ब्रज किशोर जायसवाल के साथ मिलकर परिवार के व्यवसाय को आगे बढ़ाने में लग गए.
राजनीतिक सफर
मनीष जायसवाल ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरूआत साल 2008 में नगर परिषद् चुनाव से की. वे पहली बार हजारीबाग नगर परिषद् से उपाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़े और जीत भी हासिल की. इस दौरान उनकी लोकप्रियता राजनीति में बढ़ती गई. जिसके बाद झाविमो( झारखंड विकास मोर्चा) से मांडू विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव से अपना किस्मत आजमाया हालांकि वे इस चुनाव में हार गए. चुनाव हारने के बाद हजारीबाग सदर विधानसभा क्षेत्र में लगातार अपना दौरा शुरू किया.
बेहद कम समय में उन्होंने सदर विधानसभा क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना ली. जिसके बाद 27 नंबर 2013 को झाविमो के केंद्रीय सदस्य सह सदर विधानसभा प्रभारी के पद से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया.
साल 2014 में हजारीबागा सदर विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच इनकी लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा ने पहली बार विधायक का टिकट दिया. और वे चुनाव जीत कर विधायक भी बने. फिर आया साल 2019 का चुनाव. मनीष जायसवाल ने एक बार फिर से हजारीबागा सदर विधानसभा क्षेत्र से परचा भरा और उन्हें दौबारा से जनता का जनादेश मिला.
मनीष जायसवाल ने 21 मार्च 2023 को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सरकार के खिलाफ अपना कुर्ता फाड़कर विरोध दर्ज कराया था. इसके बाद वे सुर्खियों में आ गए थे. मनीष जायसवाल को भाजपा में शीर्ष नेतृत्व का विश्वासपात्र माना जाता है. यही वजह है कि उन्हें अन्य राज्यों में भी शीर्ष नेतृत्व की ओर से जिम्मेदारियां दी जाती रही हैं. कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में शीर्ष नेतृत्व की ओर से उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी. साथ ही बैंगलोर उत्तर क्षेत्र के यशवंतपुर विधानसभा का प्रभारी भी बनाया गया था.
ये तो हो गई उनकी राजनितिक सफर की कहानी. अब जानते हैं मनीष जायसवाल की कुल संपति के बारे में.
27 करोड़ संपति के मालिक है मनिष जायसवाल
मनीष जायसवाल ने साल 2014 में पहली बार विधायकी का चुनाव लड़ा. तब उन्होंने विधानसभा चुनाव के एफिडेविट में अपने संपति का ब्योरा देते हुए बताया था कि उनके पास विभिन्न बैंकों में 22 लाख 13 हजार 650 रुपए जमा है. साथ ही पत्नी निशा जायसवाल के नाम पर 21 लाख 25 हजार 923 रुपए और बेटे करण जायसवाल के नाम पर 19 हजार 791 रुपए डिपोजिट है. हालांकि 6 साल पहले छपी दैनिक भास्कर की एक रिर्पोट के मुताबिक वे 19 कंपनियों के डायरेक्टर और शेयर होल्डर भी है.
इसके आलावे साल 2019 के विधानसभा चुनाव में मनीष जायसवाल ने अपने शपथ पत्र में ज्रिक किया था कि उनके पास 27 करोड़ की संपति है. साथ ही उनके उपर देनदारी 5 करोड़ रूपये का था. आपको बता दें कि लोकसभा उम्मीदवारों में दुसरे सबसे अमीर उम्मीदवार मनीष जायसवाल है.
इतने आपराधिक मामले है दर्ज
वहीं हम आपराधिक मामलो की बात करें तो भाजपा प्रत्याशी मनीष जायसवाल पर एक मुकदम दर्ज है. साल 2021 में उनपर कोरोना महामारी के दौरान कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन करने का आरोप लगा था. जिसके तहत नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 03 धारा 188 आइपीसी 51 भादवि के तहत कांड संख्या 380/21 दर्ज किया गया था.
सदर प्रखंड परिसर में आयोजित धरने के दौरान कोविड गाइडलाइन नियमों का उल्लंघन करने के मामले में 8 अक्टूबर 2021 को सदर बीडीओ गुंजन कुमारी सिन्हा ने मनीष जायसवाल समेत 25 नामजद व 500 अज्ञात भाजपा नेताओं और कार्यकताओं के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी.