वन नेशन वन इलेक्शन पर गठित ज्वॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी की आज पहली बैठक है.
बैठक से पूर्व इस कमिटी के सदस्य कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक प्रधानमंत्री मोदी और उनकी टीम की जिद का नतीजा है. सुखदेव भगत ने कहा कि इस बिल के जरिये संविधान की मूल भावना के साथ खिलवाड़ किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि संविधान और पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था में देश की आम जनता ही केंद्र में है.
वन नेशन वन इलेक्शन के जरिये आम जनता की भावनाओं और आकांक्षाओं के साथ खिलवाड़ किया जायेगा. उन्होंने कहा कि केशवानंद भारती मामले में स्पष्ट किया गया था कि संविधान की मूल भावना के साथ खिलवाड़ नहीं किया जायेगा लेकिन मोदी सरकार आखिरकार यही कर रही है.
ज्वॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी की बैठक आज
कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि ज्वॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी की बैठक में विचारों का आदान-प्रदान कम होगा. चूंकि सरकार बहुमत में है इसलिए फैसला थोपा जायेगा. मोदी सरकार की नीयत में ही खोट है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में नया पार्लियामेंट बनाने की क्या जरूरत थी. आपकी प्राथमिकताएं कम है. सरकार ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा में सुधार के लिए कदम नहीं उठाया, वन नेशन वन इलेक्शन का फैसला जनता पर थोपा जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिल के लिए राज्यों की सहमति को नगण्य कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन के जरिये देश की संघीय व्यवस्था पर प्रहार किया जा रहा है.
लोकसभा, विधानसभा के चुनाव साथ कराए जायेंगे
गौरतलब है कि वन नेशन वन इलेक्शन बिल के जरिये देश में लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय का चुनाव 100 दिन के भीतर कराया जायेगा.
सरकार का तर्क है कि इससे चुनावों में होने वाले खर्च पर लगाम लगेगी.
देश पूरे साल चुनावी मोड में रहता है. यदि, एक साथ चुनाव होंगे तो जनकल्याणकारी योजनाओं को तेजी मिलेगी. हालांकि, विपक्षी पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही है. झामुमो के सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी कहा था कि वन नेशन वन इलेक्शन के जरिये क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म करने की साजिश है.