दक्षिण अफ्रीका के खेल मंत्री गेटन मेकैंजी ने अपने देश की पुरुष क्रिकेट टीम से अपील की है कि वह आगामी चैंपियंस ट्रॉफी में अफगानिस्तान के खिलाफ मैच खेलने से इनकार कर दें. गेटन मेकैंजी का मानना है कि ऐसा करके हमारी टीम अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति पर अपनी एकजुटता प्रदर्शित कर सकेंगे.
उन्होंने कहा कि यदि हम अफगानिस्तान के खिलाफ क्रिकेट खेलते हैं तो अनजाने में ही सही पर उस देश में महिलाओं की संकटग्रस्त स्थिति का मौन समर्थन करेंगे.
उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि आईसीसी, दुनिया की किसी ओर खेल की सर्वोच्च संस्था की तरह खेल प्रशासन में राजनीतिक हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करने का दावा करता है लेकिन अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड में स्पष्ट रूप से ऐसा है क्योंकि वहां महिला क्रिकेट को बैन कर दिया गया.
गेटन मेकैंजी ने कहा कि यदि खेल मंत्री के रूप में मेरे पास अथॉरिटी होती तो मैं निश्चित रूप से दक्षिण अफ्रीका को अफगानिस्तान के खिलाफ खेलने की इजाजत नहीं देता. गेटन मेकैंजी ने कहा कि मैं ऐसा व्यक्ति हूं जिसको रंगभेद की वजह से स्पोर्ट्स की दुनिया में समान अवसर नहीं मिले.
मैंने लंबी लड़ाई लड़ी है और जब मैं देखता हूं कि दुनिया के किसी हिस्से में महिलाओं के साथ लिंग के आधार पर भेदभाद किया जा रहा है तो इस सच से आंख मूंद लेना अनैतिक होगा.
अफगानिस्तान में छीने गये महिलाओं का अधिकार
वहीं, बुधवार को दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ लंबा संघर्ष करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता पीटर हैन ने कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं से खेलने का अधिकार छीन लिया गया.
तालिबान ने महिलाओं के तमाम बुनियादी मानवाधिकार और आजादी छीन ली है.
उनको स्कूल और यूनिवर्सिटी में पढ़ने से रोका गया. रोजगार के अवसरों से वंचित किया गया. वे स्वास्थ्य सेवा का हिस्सा नहीं बन सकतीं. नर्सिंग की पढ़ाई नहीं कर सकतीं. दूसरी ओर पुरुष डॉक्टर महिलाओं का इलाज नहीं कर सकते.
उनको ब्यूटी सैलून, स्टेडियम, जिम और पार्क तक में जाने से रोक दिया गया है. वे डांस नहीं कर सकतीं. गाड़ी नहीं चला सकतीं. उन्होंने कहा कि क्या वाकई रंगभेद के खिलाफ लड़ने वाला दक्षिण अफ्रीका, क्या महिलाओं के साथ भेदभाव करने वाले अफगानिस्तान के खिलाफ कदम उठायेगा.
क्या अफगान लड़कियों और महिलाओं के समर्थन में एकजुटता व्यक्त करेगा.
अफगानिस्तान में महिलाओं का दमन किया गया
गौरतलब है कि साउथ अफ्रीका क्रिकेट द्वारा जारी बयान में कहा गया कि अफगानिस्तान में महिलाओं के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार और उनके मानवाधिकारों का दमन घृणित है. महिला क्रिकेट को समान मान्यता और संसाधन मिलना चाहिए.
दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट ने खुद महिलाओ के लिए यह सुनिश्चित किया है.
बोर्ड ने कहा कि चैंपियंस ट्रॉफी आईसीसी इवेंट है. इसलिए आईसीसी द्वारा भी यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि महिलाओं की समान भागीदारी सुनिश्चित हो. गौरतलब है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया भी पहले ऐसा कदम उठा चुका है.
राशिद खान ने अफगानिस्तान में क्रिकेट पर क्या कहा
गौरतलब है कि गुरुवार को अफगानिस्तान की पुरुष क्रिकेट टीम के खिलाड़़ी राशिद खान ने कहा कि हम विश्व के अलग-अलग लीग में खेलते हैं. इससे हमारे क्रिकेट को काफी फायदा हुआ है.
हम पिछले वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचे.
हमारे पास ऐसी कोई लीग नहीं है जहां सुपरस्टार्स खेलें. लेकिन, यहां आकर हमें मौका मिलता है. हम पूरे 1 महीने उनके साथ ड्रेसिंग रूम साझा करते हैं और सीखते हैं.