झारखंड में निर्दलीय विधायक सरयू राय के भाजपा में घर वापसी का मामला शांत होता नहीं दिख रहा है. दिन ब दिन यह मुद्दा किसी न किसी रुप में उठता ही रहता है. हर बार ये कयास लगाए जाते हैं कि इस बार सरयू राय की भाजपा में घर वापसी पक्की है. इसी बीच सरयू राय का भी बयान सामने आया है जो इस बात को और हवा दे रहा है कि सरयू राय घर वापसी करने को तैयार हैं.
दरअसल एबीपी न्यूज की रिपोर्ट की मानें तो सरयू राय ने कहा कि वे खुद को बीजेपी की विचारधारा से अलग नहीं मानते हैं. यदि बीजेपी उन्हें बुलाए तो वे फिर बीजेपी में चले जाएंगे. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वे रघुवर दास का विरोध करते रहेंगे. साथ ही रघुवर सरकार में हुए घोटालों की जांच की मांग से वे पीछे नहीं हटेंगे. सरयू राय हेमंत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर भी हमलावर बने रहेंगे.
बता दें सरयू राय 2014 में रघुवर दास की सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री थे. लेकिन सरकार में मंत्री रहते हुए भी कई मुद्दों पर सरयू राय ने प्रदेश सरकार और कैबिनेट के फैसलों का विरोध करते रहे थे. कई बार वे कैबिनेट की बैठक में भी शामिल नहीं होते थे. इसकी वजह रघुवर दास से मनमुटाव माना जाता रहा है.
मनमुटाव के चलते झारखंड विधानसभा चुनाव में आखिरी वक्त तक सरयू राय के टिकट का मामला सस्पेंस में रहा,आखिरकार उन्होंने इस्तीफा दे दिया और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव में जाने का फैसला किया. सरयू राय ने 2019 के विधानसभा चुनाव में जमशेदपूर्व पूर्वी से रघुवर दास को शिकस्त दे दी और निर्जलीय से विधायक बने. जिसके बाद रिश्ते और भी बिगड़ते चले गए.
झारखंड में लगातार चल रही ईडी की कार्रवाई पर सरयू राय ने आगे कहा कि, ईडी हेमंत सरकार के कार्यकाल से पीछे जाकर रघुवर सरकार दास के कार्यकाल की भी जांच करे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हेमंत सोरन के सरकार में पूजा सिंघल जिस आरोप में आज जेल में बंद है उसे रघुवर सरकार में क्लीनचीट मिल गई थी. यही नहीं प्रमोशन भी दिया गया था.
सरयू राय का कहना है कि रघुवर सरकार के दौरान शराब कारोबार में जिनकी चलती थी, उन्हीं की हेमंत सरकार में भी चली. लेकिन ईडी ने अब तक रघुवर दास को समन नहीं भेजा.उन्होंने कहा कि पता नहीं ईडी को उनसे पूछताछ के लिए कौन रोक रहा है.
पूर्वी जमशेदपुर विधायक सरयू राय के रिश्ते प. जमशेदपुर विधायक बन्ना गुप्ता से भी बेहतर नहीं हैं. सरयू राय राय ने कहा कि पूरे देश में एनडीए और I.N.D.I.A के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं, लेकिन जमशेदपुर के राजनीतिक गलियारं में स्थिति कुछ और है, वहां के बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और I.N.D.I.A वाले मंत्री एक-दूसरे के खिलाफ नहीं बोलते हैं. वहां एनडीए के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तो खूब बोलते हैं, पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर चुप्पी साधे रहते हैं.
बीते कुछ समय से सरयू राय और बन्ना गुप्ता के बीच कई टकराव की खबरें भी सामने आती रही है. सरयू राय और मंत्री बन्ना गुप्ता के बीच मानहानि केस को लेकर भी सियासत थोड़ी गर्म है. अब आने वाले समय में ही पता चलेगा कि सरयू राय घर वापसी करते हैं या नहीं.