झारखंड में अबुआ आवास योजना को लेकर सियासत हो रही गर्म ,जानें क्या है पूरा मामला

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बीते 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के लोगों के लिए बड़ी घोषणा की थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने भाषण में कहा था कि राज्य में अब बेघर ग्रामीणों को तीन कमरे का आवास दिया जाएगा, इस योजना को अबुआ आवास योजना कहा जाएगा. इसके तहत बताया गया कि आगामी दो साल में 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर राज्य सरकार अपनी निधि से जरूरतमंदों को आवास उपलब्ध करायी जाएगी.सीएम ने कहा कि इस योजना के तहत जरूरमंदों को तीन कमरे का आवास मिलेगा. वहीं अपने संबोधन में सीएम ने यह भी कहा था कि जब केंद्र सरकार की ओर से ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत राज्य के आठ लाख ग्रामीण बेघरों को आवास नहीं मिला, तब मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से लेकर नीति आयोग तक के सामने बेघरों को आवास उपलब्ध कराने को लेकर बातें रखी. इसके अलावा ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री और सचिव ने भी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से इसको लेकर चर्चा की. इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपने स्तर से पहल शुरू करते हुए इस योजना को राज्य में लागू करने पर जोर दिया. मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के फंड से ही बेघरों को आवास देने का फैसला किया है.

बीते 13 सितंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस बयान का पलटवार करते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि- मुख्यमंत्री अपने बयान से जनता को दिग्भ्रमित कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने आवास पोर्टल पर डाले गए सभी आवासों की सूची को स्वीकृति प्रदान की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को केंद्र सरकार पर आरोप लगाने के पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. दास ने कहा कि हेमंत सोरेन बताएं कि सरकार बनने पर गरीबों के लिए तीन कमरे का सुविधायुक्त आवास बनाकर देने संबंधी उनकी बड़ी घोषणा का क्या हुआ?

रघुवर दास ने 2019 के जेएमएम के मेनीफेस्टो का हवाला देते हुए कहा कि- कहां गया वह घोषणा जिसमें चुनाव से पहले सीएम ने बेटे के लिए अलग कमरा, मां-पिता के लिए अलग कमरा, रसोई, शौचालय पानी सुविधा से युक्त घर देने की बात कही थी.
रघुवर दास ने कहा कि आज भी राज्य सरकार मकान बनाकर देगी यह बोलकर मुख्यमंत्री जनता को फिर से दिग्भ्रमित कर रहे हैं. राज्य सरकार ने इस संबंध में कोई योजना तैयार नहीं की है. केवल भीड़ में हवा हवाई बात करना, झूठे वादे करना इनकी आदत में शुमार है.

आज यानी 15 सितंबर को झारखंड कैबिनेट के ग्रामीण विकास मंत्री व पाकुड़ विधायक आलमगीर आलम ने कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि – झारखंड में निवास करने वाले वैसे लोग जिनका पक्का मकान नहीं है, उन्हें अब अबुआ आवास योजना से लाभान्वित किया जाएगा. मंत्री आलमगीर आमल के अनुसार झारखंड में अबुआ आवास योजना का लाभ अगले महिने अक्टूबर से मिलना शुरु हो जाएगा. इस योजना का शुभारंभ कर लोगों को बेहतर पक्का मकान दिया जाएगा.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसके लिए डिजाइन तैयार किया जा रहा है. जिसमें तीन कमरों और एक शौचालय का डिजाइन बन रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के समक्ष डिजाइन का प्रजेंटेशन होगा. इसके बाद इसे फाइनल किया जायेगा.

बता दें कि प्रारंभिक चरण में जो डिजाइन तैयार किये जा रहे हैं, उसमें तीन कमरे के मकान के लिए 2 लाख 75 हजार रुपये से तीन लाख रुपये तक प्रति यूनिट लागत आने का अनुमान लगाया गया है. डिजाइन फाइनल होने के बाद ही योजना को लागू करने की दिशा में ग्रामीण विकास विभाग आगे बढ़ेगा.

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