झारखंड में अब इस समाज ने भी उठाई खुद को एसटी में शामिल करने की मांग

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झारखंड में जहां एक तरफ कुड़मी समाज के लोग खुद को एसटी में शामिल करने की मांग लगातार कर रहे हैं वहीं अब गुमला में रौतिया समाज के लोग भी खुद को एसटी में शामिल करने की मांग को लेकर हुंकार भर दी है.गुमला में आयोजित महासम्मेलन में शामिल पांच राज्यों झारखंड, ओड़िशा, छतीसगढ़, बंगाल व असम के रौतिया जाति के लोगों ने हुंकार भरी है. समाज के लोगों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर रौतिया जाति को आदिवासी का दर्जा नहीं मिला, तो रांची से लेकर दिल्ली तक महाआंदोलन होगा.

यह सम्मेलन गुमला के बख्तर साय व मुंडन सिंह सभागार में आयोजित किया गया था. इस महासम्मेलन में अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष लालदेव सिंह कहा कि भारी बारिश के बावजूद हमारे समाज के लोग भारी संख्या में एकत्रित होकर संकल्प यात्रा को सफल बनाये हैं. इसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं. कहा कि रौतिया समाज के लोगों को हमेशा से छला जा रहा है, जिससे समाज में काफी आक्रोश है. अब रौतिया समाज के लोग जागरूक हो चुके हैं. आज हमने अपने संगठन की ताकत इस कार्यक्रम के माध्यम से दिखा दिया है. हमारी मांग जायज है, सरकार हमें आदिवासी का दर्जा दें.

छत्तीसगढ़ राज्य के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश साय ने कहा है कि 1872 की जनगणना में रौतिया जाति को आदिवासी माना गया है. परंतु एक षडयंत्र व राजनीति दांव पेंच कर हमसे आदिवासी का दर्जा छीन लिया गया. कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती है, हमारा आंदोलन जारी रहेगा. केंद्र सरकार के खिलाफ हम काम करना शुरू कर देंगे. इसलिए अनुरोध है कि सरकार हमारी मांगों पर ध्यान दें, नहीं तो मजबूरी में बड़ा निर्णय लेना होगा.

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