Ranchi : चुनाव से पहले राज्य में सियासत तेज है. हाल ही में चुनाव आयोग के निर्देश पर देवघर एसपी को हटाया गया. लेकिन अब यह मामला और भी तूल पकड़ लिया है. अब राज्य सरकार ने चुनाव आयोग से देवघर एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को पद से हटाए जाने का कारण पूछा दिया है.
दरअसल, गृह विभाह द्वारा चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कहा है कि पदाधिकरियों के कार्य व मनोबल पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े, इसके लिए जरूरू है कि डुंगडुंग को देवघर एसपी से हटाने के कारणों व परिस्थितियों की जानकारी राज्य सरकार को होनी चाहिए.
गृह विभाग ने आयोग को लिखा पत्र
गृह विभाग द्वारा भेज गए पत्र में कहा गया है कि कि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार डुंगडुंग को देवघर एसपी के प्रभार से मुक्त करने, जिला के अन्य वरीयतम पुलिस अधिकारी को प्रभार सौंपने व चुनाव आयोग के पास तीन अधिकारियों का पैनल भेजने से संबंधित प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजी गयी थी.
मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा डुंगडुंग को पद से हटाने की पृष्ठभूमि की जानकारी चुनाव आयोग से प्राप्त करने का निदेश दिया गया है. चुनाव आयोग के डुंगडुंग को तत्काल प्रभाव से पद से हटाने के निर्देश में कारण का उल्लेख नहीं किया गया है.
इससे यह स्पष्ट नहीं होता है कि उनके देवघर एसपी बने रहने से चुनाव की निष्पक्षता कैसे प्रभावित होगी. चुनाव आयोग की अवहेलना या किसी प्रतिकूल कार्य में लिप्त रहने का कोई दृष्टांत उल्लेखित नहीं है.
सरकार ने आयोग से कारण पूछा
आगे कहा कि आयोग द्वारा किसी जिले में पदस्थापन या स्थानांतरण के संबंध में दिये गये निर्देशों की परिधि में भी डुंगडुंग नहीं आते हैं. आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के 15 दिनों के बाद जब डुंगडुंग बेहतर एवं प्रभावी कार्य कर रहे थे.
तब अचानक बिना कोई कारण बताये स्थानांतरण आदेश निर्गत करने की स्थिति में सभी प्रत्याशियों व राजनीतिक दलों के मन में शंका उत्पन्न हो सकती है. ऐसे में निष्पक्षता बरकरार रखने के लिए डुंगडुंग को पद से हटाने का कारण बताया जाना आवश्यक है.
वहीं दूसरी ओर निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश भेजा है कि वह देवघर एसपी के लिए शीर्घ तीन नामों का पैनल भेजे, नहीं तो आयोग कार्रवाई करेगा. मीडियो रिपोर्ट्स के मुताबिक अजीत पीटर डुंगडुंग पर लोकसभा चुनाव के दौरान विशेष दल के पक्ष में काम करने का आरोप लगा था.
29 अक्टूबर को डुंगडुंग को पद से हटाने का दिया था निर्देश
गौरतलब है कि 29 अक्टूबर को ही चुनाव आयोग ने अजीत पीटर डुंगडुंग को देवघर एसपी के पद से हटाने का आदेश दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने अब तक चुनाव आयोग के आदेश का अनुपालन नहीं किया है.
आदेश के तीन दिन बाद भी गृह विभाग के अधिकारियों का पैनल चुनाव आयोग को नहीं भेजा गया . और डुंगडुंग एसपी पद पर बने हुए है. इसी के मद्देनजर आयोग ने राज्य सरकार को रिमाइंडर भेजा है.
” भाजपा आदिवासी विरोधी है “
आयोग के निर्देश देने के बाद देवघर एसपी को लेकर सियासत भी शुरू हो गई थी, इसे लेकर हेमंत सोरेन और गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे आपने- सामने तक भीड़ गए.
https://x.com/HemantSorenJMM/status/1851562857344676007
हेमंत सोरेन ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा था कि दलित IAS अफ़सर को हटाया गया, लगातार परेशान किया गया अब आदिवासी IPS अफ़सर को लगातार परेशान किया जा रहा है आख़िर क्यों दलितों/आदिवासियों से भाजपा को इतनी परेशानी है ?
वहीं गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने हेमंत सोरेन के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था कि मुख्यमंत्री जी कितना दलित आदिवासी के नाम पर झूठ बोलकर जनता को बरगलाएगा मुख्य सचिव सुखदेव सिंह जी क्या दलित नहीं थे ?
https://x.com/nishikant_dubey/status/1851589726328991766
आपने क्यों हटाया, डीजीपी अजय कुमार सिंह क्या दलित नहीं है? किसने हटाया, आप दलित,आदिवासी के दुश्मन हैं,अमित,अविनाश,पिंटू- सुनील- प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव जैसे लोगों के चक्कर में झारखंड का जल जंगल ज़मीन लूटने वाले सावधान.
खैर ! अब देखना होगा कि राज्य सरकार तीन नामों का पैनल आयोग को भेजती है या नहीं, इसके अलावे आयोग सरकार को देवघर एसपी को हटाने जाने के कारणों को बताता है या नहीं .