10 लाख का इनामी नक्सली सीताराम रजवार गिरफ्तार, इस जंगल में छिपा बैठा था

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पलामू:

पलामू पुलिस ने प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन के जोनल कमांडर सीताराम रजवार उर्फ रमन रजवार को गिरफ्तार किया था. इसे संजय यादव उर्फ गोदराम के नाम से भी जाना जाता था. पलामू पुलिस को नक्सल रोधी अभियान के दौरान यह बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने सीताराम रजवार को झरगडा गांव से सटे झपिया पहाड़ के जंगल से गिरफ्तार किया है. पुलिस फिलहाल उससे पूछताछ में जुटी है. पलामू पुलिस ने बताया कि डीजीपी सहित राज्य के अन्य वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर झारखंड पुलिस, झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में अभियान चला रही है. इसी क्रम में हुसैनाबाद के एसडीपीओ को गुप्त सूचना मिली कि भाकपा (माओवादी) के नितेश दस्ते का जोनल कमांडर सीताराम रजवार अपने साथियों के साथ झरगडा से सटे झपिया जंगल में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है. सूचना की सत्यापन कर पलामू एसपी ने हुसैनाबाद के एसडीपीओ के नेतृत्व में हुसैनाबाद थाना प्रभारी और लठेया पिकेट प्रभारी धर्मवीर कुमार यादव सहित अन्य पुलिसकर्मियों की टीम बनाई.

पुलिस की 2 टीमों ने छापेमारी की
पलामू पुलिस ने बताया कि 2 टीमें दो अलग-अलग दिशा से चिन्हित स्थान पर पहुंची. देखा कि झपिया पहाड़ के पास चार-पांच की संख्या में लोग मौजूद हैं जो पुलिस को देखते ही भागने लगे. रात होने और जंगल का फायदा उठाकर 4 लोग भाग गये लेकिन एक व्यक्ति पुलिस की पकड़ में आ गया. पूछने पर उसने अपना नाम सीताराम रजवार बताया तो संगठन में जोनल कमांडर है. सीताराम रजवार बिहार के औरंगाबाद जिला के सलैया थानाक्षेत्र का रहने वाला है. उसके जेब से माओवादी नेता राजेंद्र सिंह द्वारा दी गई चिट्ठी मिली.

झारखंड और बिहार में कई मुकदमें दर्ज हैं
बताया जा रहा है कि नक्सली सीताराम रजवार को छतरपुर से हरिहरगंज होते हुए अंबा से कुटुम्बा नबीनगर होते हुए तेतरिया मोड से पतरघाटा होते हुए सोन नदी के बीच का क्षेत्र मिला था. उसका काम ठेकेदारों, ईंट भट्टा मालिकों और पत्थर खदान मालिकों से लेवी वसूलना था. सरकार ने सीताराम रजवार के ऊपर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है. उसके खिलाफ पलामू जिला के अलग-अलग थानों में 28 केस दर्ज हैं वहीं बिहार के औरंगाबाद और गया जिले में 51 मुकदमे दर्ज हैं.

 

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