ईडी के पास अभी जांच के लिए कई मामले हैं लेकिन इन सब मामले में शराब घोटाला मामला सबसे महत्वपूर्ण है. इस मामले में ईडी ने तेजी से जांच भी शुरू कर दी है.
बीते 23 अगस्त को ईडी ने रांची, धनबाद, देवघर, दुमका, गोड्डा, जामताड़ा, गिरिडीह और कोलकाता में एक साथ 32 ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी में ईडी को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के आवास से 30 लाख रुपए नगद मिले थे. हालांकि, रामेश्वर उरांव के घर उनके बेटे रोहित उरांव के लिए छापेमारी की गई थी.
इस शराब घोटाले मामले में ईडी लगातार पूछताछ कर रही है. शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी और अमरेंद्र तिवारी से पूछताछ की जा चुकी है. उसके अलावा वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के बेटे रोहित उरांव से भी पूछताछ की जा चुकी है. इन सब के अलावा ईडी ने अब तक करीब 50 लोगों का बयान भी दर्ज कराया है.
सुत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि ईडी अब इस शराब घोटाला मामले में जांच का दायरा बढ़ाने वाली है. इसको लेकर जल्द ही कई बड़ी छापेमारी की जा सकती है. ईडी ने अपने तरफ से ये दावा किया है कि ये शराब घोटाला भी टेंडर कमीशन घोटाला, खनन घोटाला और जमीन घोटाला की तरह 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का हो सकता है.
इससे पहले भी ईडी के सुत्रों के हवाले से ये बात सामने आई थी, कि पूछताछ में कई लोगों के नाम सामने आए हैं जो इस सिंडिकेट से जुड़े हुए हैं. इसमें कई नेताओं के भी नाम शामिल हैं. जिसके बाद ईडी अब इन लोगों को लेकर जानकारी जुटा रही है.
ईडी अब अपने जांच में झारखंड में लागू हुए दोनों शराब नीति की जांच कर रही है. यानी की जो पुरानी शराब नीति थी, जिसमें शराब बेचने का टेंडर निकाल कर प्राइवेट हाथों में बेचने के लिए दिया जाता था. इसके बाद शराब नीति में बदलाव हुआ जिसके बाद ये फैसला हुआ कि अब शराब को सरकार बेचेगी. इन दोनों नीतियों को खंगाला जा रहा है. इसमें ईडी अपने तरफ से ये पता लगाने में लगी हुई है कि इन दोनों नीतियों के तहत कैसे घोटाला हुआ है. अगर घोटाला हुआ तो इस घोटाले में कौन-कौन शामिल था. इस घोटाले का पैसा कितने लोगों तक पहुंचा. ईडी को जानकारी मिली है कि झारखंड में जो नई शराब नीति लागू हुई, उसकी पॉलिसी बदलने में कई नेताओं और अधिकारियों ने भूमिका निभाई है.
आपको बता दें कि नोएडा की जिस कंपनी ने छत्तीसगढ़ में नकली होलोग्राम सप्लाई की थी उस कंपनी पर तो एक केस दर्ज हुआ है. लेकिन ये वही कपंनी है जिसने झारखंड में भी होलोग्राम की सप्लाई की थी.