एक जून को दुमका, राजमहल और गोड्डा

एक जून को दुमका, राजमहल और गोड्डा में चुनाव, किस पार्टी का दबदबा ?

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झारखंड की राजनीति में संताल परगना का महत्वपूर्ण स्थान है। एक जून को होने वाले लोकसभा चुनाव में दुमका, राजमहल और गोड्डा सीटों पर नजर रखना महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कि संताल परगना के क्षेत्रों में किस पार्टी का पलड़ा भारी है।

शिबू सोरेन की तैयार सियासी जमीन पर हेमंत सोरेन ने पिछले लोकसभा और विधानसभा में बेहतर प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिखायी थी. लेकिन कल्पना सोरेन की मोर्चाबंदी के बाद सबकी नजर चुनाव परिणाम पर होगी. कल्पना ने संताल परगना में दर्जनों सभाएं की है. सबसे पहली चुनौती शिबू सोरेन की पारंपरिक सीट दुमका पर अपने ही परिवार की सीता सोरेन से है. यहां से नलिन सोरेन भले ही चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन इस सीट पर सोरेन परिवार की दो बहुओं की राजनीतिक लड़ाई है.

संताल परगना की विधानसभा सीटें

संताल परगना की कुल 18 विधानसभा सीटों में से नौ सीटें झामुमो के पास थीं। इनमें से जामा विधायक सीता सोरेन और बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम पार्टी लाइन से अलग हो गए। सीता सोरेन भाजपा में शामिल हो गईं और दुमका से उम्मीदवार भी हैं। अब सात विधायकों को लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखानी होगी।

कांग्रेस की स्थिति

संताल परगना में कांग्रेस के पांच विधायक हैं। गोड्डा में पार्टी के दो विधायक हैं, जिनमें से विधायक प्रदीप यादव खुद गोड्डा से उम्मीदवार हैं। इनकी परीक्षा होनी है।

भाजपा की स्थिति

भाजपा के संताल परगना में चार विधायक हैं। राजमहल और दुमका लोकसभा में एक-एक विधायक हैं, जबकि गोड्डा लोकसभा में भाजपा के दो विधायक हैं। लोकसभा में भाजपा को बेहतर करना है, तो इन चार विधायकों को अपनी जमीन बचानी होगी।

लोकसभा चुनाव का प्रभाव

लोकसभा चुनाव का परिणाम विधायकों की ताकत को भी तौलेगा। संताल परगना की राजनीति में झामुमो, कांग्रेस और भाजपा की भूमिका महत्वपूर्ण है। लोकसभा चुनाव में इन पार्टियों के प्रदर्शन से संताल परगना की राजनीतिक स्थिति स्पष्ट होगी।

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