साहिबगंज में हुए अवैध खनन घोटाले से जुड़े मामले में अब नया खुलासा सामने आ रहा है. यह खुलासा खुद प्रवर्तन निदेशलय ने किया है. बता दें कि यह अवैध खनन हजार करोड़ का नहीं बल्कि 1250 करोड़ का हुआ है.
झारखंड कि सियासी उठापटक के बीच बीते बुधवार को प्रवर्तन निदेशलय ने राज्य के आधा दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की थी.
बता दें कि झारखंड के साहिबगंज जिले के नींबू पहाड़ में हुए 1000 करोड़ अवैध खनन मामले की जांच कर रही ईडी ने बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कारीबीयों के आवासो पर ईडी ने छापेमारी की. अब इस मामले से जुड़ी नई अपडेट सामने आई है गुरूवार को ईडी ने एक प्रेस कांफेस कर खुद जानकारी दी है. ईडी ने अपने इस खुलासे में बताया है कि साहिबगंज में 1250 करोड़ का अवैध खनन किया गया है.
वहीं बुधवार को हुए इस छापेमारी में आर्किटेक्ट विनोद कुमार सिंह के रांची में रोस्पा टावर स्थित कार्यालय में ईडी ने कागजातों को खंगाला. ईडी ने बताया कि उक्त छापेमारी में कुल 36.99 लाख रुपये नकद बरामद किए गए. साथ ही 30 अवैध खातों की जानकारी मिली, जिसे अब फ्रीज करा दिया गया है.
दुसरी ओर साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव के कार्यालय से 7.25 लाख कैस के अलावा नाइन एमएम के 19 कारतूस, 380 एमएम के दो कारतूस व पिस्तौल के पांच खोखे मिले है. वहीं मिडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईडी उन्हें इस मामले में एक-दो दिनों में समन कर सकती है. इस मामले में ईडी उनसे पिछले साल ही 23 जनवरी और 6 फरवरी को पूछताछ कर चुकी है.
वहीं इस कारवाई में सबसे चर्चित नाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बेहद करीबी प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू का सामने आ रहा था. इसके साथ साथ हेमंत सोरेन के बाकी अन्य करिबियों का भी जैसे साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव व हजारीबाग DSP राजेंद्र दुबे, देवघर के पूर्व एमएलए पप्पू यादव, रांची के आर्किटेक्ट बिनोद सिंह और ठेकेदार सरावगी के नाम शामिल थे.
आपको बता दें कि इस मामले में ईडी ने विष्णु यादव, पवितर यादव, पंकज मिश्रा व अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC), शस्त्र अधिनियम आदि से संबंधित अलग-अलग धाराओं के तहत साहिबगंज में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की थी. बाद में झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले को सीबीआई ने भी अपने हाथ में ले लिया है, जिसकी जांच अभी चल रही है. फिलाल के लिए इस विडियो में इतना ही आप देख रहे थे द फोर्थ पिलर..