दारोगा अनुपम कच्छप के कातिल 22 दिन बाद भी झारखंड पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. रांची पुलिस क्राइम ब्रांच में तैनात एसआई अनुपम कच्छप के हत्यारों को वारदात के 22 दिन बाद भी पकड़ नहीं पाई है. ये हाल तब है जबकि खुद प्रदेश के डीजीपी, रांची के एसएसपी, आईजी और डीआईजी दारोगा अनुपम कच्छप हत्याकांड की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
दरअसल, 2 अगस्त को झारखंड पुलिस के स्पेशल क्राइम ब्रांच में तैनात एसआई अनुपम कच्छप की लाश कांके रोड पर मिली थी. शव पर गोली मारे जाने के निशान थे. आज 25 अगस्त है माने हत्याकांड को 22 दिन बीत चुके हैं लेकिन, अपराधी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आये.
2 अगस्त को हुई थी दारोगा अनुपम कच्छप की हत्या
गौरतलब है कि 2 अगस्त को जब दारोगा अनुपम कच्छप के शव को पंचनामा के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए रिम्स हॉस्पिटल लाया गया तो डीजीपी अनुराग गुप्ता, एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा सहित आईजी और डीआईजी पहुंचे.
डीजीपी ने दिवंगत अनुपम कच्छप को छोटे भाई सरीखा बताते हुए भरोसा दिया कि कातिल जल्द कानून की गिरफ्त में होंगे. एक वो दिन था और एक आज का दिन है. न तो कातिल पकड़े गये और ना ही कोई सुराग मिला.
पुलिस अंधेरे में तीर चला रही है. अब पुलिस भी हत्याकांड पर बयान नहीं दे रही.
दारोगा अनुपम कच्छप हत्याकांड की जांच में हाथ खाली
दारोगा अनुपम कच्छप हत्याकांड की जांच के लिए ग्रामीण एसपी सुमित कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था. एसआईटी के साथ एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा खुद कांके रोड स्थित घटनास्थल पर पहुंचे. क्राइम सीन को रिक्रिएट किया गया.
पुलिस ने आश्वासन दिया था कि बहुत जल्द अपराधी सलाखों के पीछे होंगे लेकिन, अब तक मामले में कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. इस घटना ने राज्य की विधि-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
घटना वाले दिन प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी रिम्स अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने कहा था कि जिस प्रदेश में पुलिस के अधिकारी सुरक्षित नहीं हैं वहां जनता किस भरोसे पर है.