CPI झारखंड में नहीं होगी Indi alliance का हिस्सा, अपने दम पर लड़ेगी चुनाव !

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झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों के भीतर हलचल तेज हो गई है. चुनाव आयोग के दौरे के बाद ये अनुमान लगाया जा रहा है कि झारखंड में चुनाव नियत समय से पहले होंगे. ऐसे में चुनाव के मद्देनजर झारखंड में रोजना कोई न कोई नया राजनीतिक अपडेट सामने आता है. बीते कल सरयू राय ने जदयू का दामन थामकर सबको चौंका दिया है , अब सीपीआई यानी कम्युनिष्ट पार्टी ऑफ इंडिया जिसे हिंदी में भाकपा भी कहते हैं झारखंड में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है वो भी 20 से 25 सीटों पर. पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सीपीआई झारखंड में इंडिया गठबंधन की हिस्सा हो सकती है लेकिन अब सीपीआई ने सभी कयासों पर विराम लगाते हुए ये ऐलान कर दिया है कि पार्टी झारखंड में अकेल ही विधानसभा का चुनाव लड़ने वाली है.

बीते कल सीपीआई झारखंड राज्य परिषद की बैठक रांची के आदिवासी महासभा में हुई. महासभा महासचिव पशुपति कॉल की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में मुख्य रूप से नवनिर्वाचित झारखंड के नए प्रभारी रामकृष्ण पांडा, पूर्व सांसद रमेद्र कुमार, पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, राज्य सचिव महेंद्र पाठक उपस्थित रहे.
बैठक में कॉमरेड रमेद्र कुमार और राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने बताया कि झारखंड में पार्टी 20 से 25 सीटों पर दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी.

बैठक में भाकपा झारखंड के नए प्रभारी रामकृष्ण पांडा ने नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के लिए इंडिया गठबंधन को दोषी ठहराया है, उन्होंने कहा कि केंद्र में तीसरी बार मोदी की सरकार जरूर बन गई, लेकिन 400 पार के दावे खोखले साबित हुए। लोग मोदी को सत्ता से हटाना चाहते थे। आइएनडीआइए में सही गठबंधन नहीं होने के चलते तीसरी बार केंद्र में मोदी सरकार बनी है.

सीपीआई झारखंड में अपनी खोई हुई जमीन की तलाश में जुटी है. झारखंड विभाजन से पहले झारखंड विधानसभा सीटों पर सीपीआई का भी बोलबाला था. झारखंड में कई विधानसभा सीटों पर सीपीआई का दबदबा रहा है. साल 2000 तक सीपीआई के विधायक शब्बीर अहमद कुरैशी उर्फ भेड़ा सिंह रामगढ़ विधानसभा सीट से जीतते रहे थे.

हालांकि झारखंड अलग राज्य बनने के पहले ही 12 सितंबर को विधायक भेड़ा सिंह का निधन हो गया था। विधायक भेड़ा सिंह के निधन के करीब दो महीने बाद ही अलग झारखंड राज्य बना .रामगढ़ के अलावा हजारीबाग जिले के बरकट्ठा विधानसभा सीट पर भी सीपीआई की खासा पकड़ रही है. सीपीआई के वरिष्ठ नेता भुनेश्वर मेहता दो 1980 और 2000 में विधानसभा का जीत चुके हैं.गिरिडीह विधानसभा सीट पर भी सीपीआई ने चार बार अपना परचम लहराया था.

अब सीपीआई इन जिलों में अपने अधिक प्रत्याशी उतार सकती है इसकी प्रबल संभावना है. हालांकि आज सीपीआई ने डाल्टनगंज विधानसभा सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. बता दें रुचिर कुमार तिवारी डाल्टनगंज सीट से सीपीआई पार्टी के बैनर तले विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. रुचिर कुमार तिवारी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव सह राष्ट्रीय परिषद सदस्य हैं.

अब सीपीआई झारखंड के किन जिलों से अपने प्रत्याशी उतारती है ये तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा.

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