I.N.D.I.A अलायंस की तरफ से इन 10 चैनल्स के 14 एंकर्स का बहिष्कार, देखें पूरी लिस्ट

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I.N.D.I.A अलायंस 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर लगातार तैयारी कर रही है. ऐसे में अलग-अलग तरह के रणनीति बनाई जा रही है ताकि चुनाव में बेहतर तरीके से उतरा जा सके. I.N.D.I.A अलायंस की तरफ से अब एक सूची जारी की गई है. जिसके तहत अब I.N.D.I.A अलायंस के प्रवक्ता और कोई भी नेता सूची में दिए गए एंकर्स के शो में नहीं जाएंगे.

ये प्रत्रकार हैं जिनके शो में अब इंडिया अलायंस के नेता नहीं जाएंगे 

  • चित्रा त्रिपाठी -आज तक
  • सुधीर चौधरी- आज तक
  • गौरव सावंत -आज तक
  • अमीश देवगन -नेटवर्क 18
  • आंनद नरसिम्हन-नेटवर्क 18
  • अमन चोपड़ा- नेटवर्क 18
  • रिपब्लिक टीवी – अर्णब गोस्वामी
  • रुबिका लियाकत – भारत 24
  •  सुशांत सिन्हा- टाइम्स नाऊ नवभारत
  • नविका कुमार -टाइम्स नेटवर्क
  • अशोक कुमार- डीडी न्यूज
  • अदिति त्यागी- भारत एक्सप्रेस
  •  प्राची पारासर- इंडिया टीवी
  •  शिव अरूर- इंडिया टुडे

इन्हीं 10 चैनल्स के 14 एंकर्स का बहिष्कार I.N.D.I.A अलायंस की तरफ से किया जाएगा. बीते कल I.N.D.I.A अलायंस की मिडिया कमिटी ने यह लिस्ट जारी की है. जिसमें यह बताया गया कि I.N.D.I.A अलायंस की कोर्डिनेशन कमिटी की बैठक बीते 13 सितंबर को हुई थी जिसमें ये फैसला लिया गया है.

इन एंकर्स का क्यों हुआ बहिष्कार  

दरअसल, इन एंकर्स के शो में लगातार हिंदू, मुस्लिम जैसे मुद्दे पर बहस होती है. इसके अलावा विपक्ष का ये आरोप है कि ये एंकर्स सरकार के लिए काम कर रहे हैं. सरकार से सवाल ना पूछना और भ्रामक खबर दिखाना. ऐसे भी आरोप इन एंकर्स पर लगे हैं. यही कारण है कि I.N.D.I.A अलायंस की तरफ से इन एंकर्स के शो पर कोई नहीं जाएगा.

पवन खेड़ा का ट्वीट- हम नफरत के बाजार के ग्राहक नहीं बनेंगे

इस लिस्ट के आने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ट्वीट कर लिखा- रोज शाम कुछ चैनल्स पर नफरत की दुकानें सजती हैं. हम नफरत के बाजार के ग्राहक नहीं बनेंगे. हमारा उद्देश्य है ‘नफ़रत मुक्त भारत’. बड़े भारी मन से यह निर्णय लिया गया कि कुछ एंकर्स के शोज़ व इवेंट्स में हम भागीदार नहीं बनें. हमारे नेताओं के ख़िलाफ़ अनर्गल टिप्पणियां, फेक न्यूज़ आदि से हम लड़ते आएं हैं और लड़ते रहेंगे लेकिन समाज में नफ़रत नहीं फैलने देंगे. मिटेगी नफ़रत-जीतेगी मुहब्बत.

न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन – ये लोकतंत्र के खिलाफ

इस पूरे मामले पर न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन का भी बयान सामने आ गया है. इनके तरफ से कहा गया कि विपक्षी गठबंधन का यह बहिष्कार लोकतंत्र के खिलाफ है. यह असहिष्णुता का प्रतीक है और प्रेस की आजादी को खतरे में डालता है.

पहले भी हो चुका है चैनल्स का बहिष्कार

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी पार्टी ने किसी चैनल का बहिष्कार किया हो. इससे पहले भाजपा ने भी ऐसा किया था जब भाजपा के नेता कुछ चुनिंदा एंकर्स के शो में नहीं जाते थे.  साल 2014 में भाजपा ने एनडीटीवी का ब्यॉकॉट कर दिया था.

 

 

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