रांची:
झारखंड की राजधानी रांची क्राइम कैपिटल बनती जा रही है. आम छोड़िए, खास लोग भी सुरक्षित नहीं हैं. शर्मनाक बात यह है कि पुलिस ऑफिसर की हत्या की गई है. दरअसल, शुक्रवार देर रात रांची के कांके रोड में क्राइम ब्रांच के सब इंस्पेक्टर अनुपम कच्छप की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. उन्हें 3 गोलियां लगी है. अब इस मुद्दे पर सियासत गरमा गई है. पहले से ही विधि-व्यवस्था के मसले पर चौतरफा आलोचना में घिरी हेमंत सोरेन सरकार फिर से बैकफुट पर है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी सहित विपक्षी एनडीए गठबंधन के अन्य नेताओं ने सरकार को आड़े हाथों लिया है. गौरतलब है कि दिवंगत अनुपम कच्छप 2018 बैच के दारोगा थे. शनिवार को सुबह उनका शव बरामद किया गया.
मुख्यमंत्री ने हर हाल में क्राइम कंट्रोल की बात कही थी
गौरतलब है कि एक युवा पुलिस ऑफिसर की हत्या ऐसे समय में हुई है जबकि पिछले 6 माह में पहले पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और फिर सीएम हेमंत सोरेन ने डीजीपी, विभिन्न जोन के आईजी-डीआईजी और सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में सख्त निर्देश दिया था कि किसी भी कीमत पर अपराध पर लगाम लगाएं. लंबित मामलों का निपटारा करें. आमजन के साथ थानों में सलीके से पेश आयें. पहले चंपाई और फिर हेमंत सोरेन ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि सरकार की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है. तब मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि पुलिस अपनी कार्यशैली में सुधार लाये. अभी हाल ही में सरकार ने डीजीपी का तबादला किया. अजय कुमार सिंह की जगह अनुराग गुप्ता पुलिस महानिदेशक बनाये गये. इसे पुलिस सिस्टम में सुधार और नयापन के दृष्टिकोण से प्रचारित किया गया. अब महीना भर भी नहीं बीता और युवा इंस्पेक्टर का कत्ल हो गया.
दारोगा अनुपम कच्छप मर्डर केस से गरमाई सियासत
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सब इंस्पेक्टर अनुपम कच्छप हत्याकांड को लेकर सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राजधानी रांची को अयोग्य अधिकारियों के हवाले कर दिया है. शहर बारूद के ढेर पर बैठा है. राजधानी में चाक-चौबंद सुरक्षा के बावजूद कैसे अपराधी पुलिस, वकील और व्यावसायियों की हत्या करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन सरकार ने अपराधियों के सामने घुटना टेक दिया है. उन्होंने पूरी विधि-व्यवस्था को ही घटिया करार दे दिया है.
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने मौजूदा हत्याकांड को त्राहिमाम की संज्ञा देते हुए कहा है कि दिनदहाड़े हो रही हत्याओं से राजधानी रांची में दहशत फैल चुकी है. उन्होंने वकील गोपाल कृष्ण, सब इंस्पेक्टर अनुपम कच्छप औऱ पूर्व पार्षद वेदप्रकाश हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा है कि जनता पूछ रही है कि झारखंड में कानून का राज है कि गुंडाराज. अमर बाउरी इससे पहले भी झारखंड में विधि-व्यवस्था फेल होने का मुद्दा उठाते रहे हैं. हाल ही में बोकारो में लोहा व्यवसायी शंकर रवानी हत्याकांड को लेकर बोकारो के एसपी के साथ अभद्र भाषा में बात करने के मुद्दे पर धनबाद सांसद ढुल्लू महतो विवादों में आ गये थे.
पार्षद, वकील और अब सब इंस्पेक्टर की हत्या से हड़कंप
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में कुछ हत्याकांड सर्वाधिक चर्चा में रहे हैं क्योंकि, ये हाईप्रोफाइल लोगों के कत्ल से जुड़ा मामला है. दरअसल, शुक्रवार को ही रांची सिविल कोर्ट में 25 साल से प्रैक्टिस कर रहे वकील गोपाल कृष्ण की 2 अज्ञात अपराधियों ने चाकू मारकर हत्या कर दी. 7 जुलाई 2024 को धुर्वा बस अड्डे के बगल में पूर्व पार्षद वेदप्रकाश को अज्ञात अपराधियों ने गोली मार दी थी. 3 अगस्त को उन्होंने दिल्ली में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. आज सुबह ही क्राइम ब्रांच में सब इंस्पेक्टर अनुपम कच्छप की लाश मिली.
पुलिस की कार्यशैली को लेकर डीजीपी ने जताई नाराजगी
अनुपम कच्छप हत्याकांड को लेकर पुलिस एक्शन मोड में है. आज अनुपम का शव बरामद होने के बाद डीजीपी अनुराग गुप्ता खुद रिम्स पहुंचे. परिजनों और पुलिस से जानकारी ली. इससे पहले आईजी स्पेशल ब्रांच प्रभात कुमार, डीआईजी अनूप बिरथरे और एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा भी ट्रामा सेंटर पहुंचे. अपराधियों की शिनाख्त का प्रयास किया जा रहा है. जरूर एसआईटी गठित की जायेगी. सवाल वही कार्यशैली को लेकर है. आखिर अपराधियो के मन में कानून का डर क्यों नहीं है. वे कैसे बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
चुनावी मौसम में अपराध की ये वारदातें सरकार की टेंशन बढ़ा रही है. तमाम प्रयासों के बाद अपराध पर नियंत्रण नहीं लग सका है. अपराधियों पर नकेल नहीं कसी जा सकी है. पहले से ही क्राइम में वृद्धि को लेकर सरकार बैकफुट पर है. अब जबकि वकील औऱ पुलिस की हत्या हो रही है तो विपक्ष इसे इस तरह से प्रचारित करेगा कि जो सरकार न्याय व्यवस्था से जुड़े लोगों की रक्षा करने में असमर्थ है उसके राज में आम जनता का क्या होगा. बता दें कि पिछले 5 साल में राजधानी रांची में हत्या की सर्वाधिक 827 वारदात हुई है.