मंईयां सम्मान

मंईयां सम्मान के लिए सीएम हेमंत ने झारखंड को आर्थिक संकट में डाला- बाबूलाल मरांडी

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झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि मंईयां सम्मान योजना के लिए राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड को आर्थिक संकट में डाल दिया है.

बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि सरकार ने राज्य के सामाजिक ढांचे को भी गंभीर संकट में डाल दिया है. बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अदूरदर्शिता की वजह से समाज के बड़े हिस्से का जीना दूभर हो गया है.

बाबूलाल मरांडी का दावा है कि सर्वजन पेंशन योजना की राशि रोककर मंईयां सम्मान दिया जा रहा है.

सर्वजन पेंशन योजना रूकने का दावा
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने सर्वजन पेंशन योजना की राशि रोककर मंईयां सम्मान योजना का भुगतान करने का फैसला किया. इससे समाज के सबसे कमजोर वर्ग, मसलन- बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों का जीवन-यापन कठिन हो गया है.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार ने अपनी महात्वाकांक्षी योजना के लिए किसी ठोस वित्तीय स्त्रोत की व्यवस्था नहीं की.

अमर बाउरी ने भी की योजना की आलोचना
इससे पहले पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि कई वादों के साथ जनता का भरोसा जीतकर सत्ता में आई हेमंत सोरेन सरकार ने मंईयां सम्मान योजना की राशि में वृद्धि का वादा तो पूरा किया लेकिन सर्वजन पेंशन सहित अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं की कीमत पर.

जरूरतमंदों को पेंशन तो छोड़िए, गरीबों के लिए कंबल और अलाव तक की व्यवस्था नहीं कर पाई है हेमंत सोरेन सरकार.

जानिए क्या है मंईयां सम्मान योजना
गौरतलब है कि चुनाव से ठीक 3 माह पहले राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने मंईयां सम्मान योजना लॉन्च की थी.

इससे पहले मई-जून में तात्कालीन चंपाई सोरेन सरकार ने माई-कुई नाम से योजना का मसौदा तैयार किया था. मंईयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं को 1 हजार रुपये की 4 किश्तें दी गयीं.

सरकार ने वादा किया था कि दिसंबर से मंईयां सम्मान योजना की राशि 2500 रुपये मिलेगी.

6 जनवरी को वादे के मुताबिक बढ़ी हुई राशि की पहली किश्त दी गयी. हालांकि, झारखंड की वित्तीय स्थिति को देखकर लगातार इस योजना के औचित्य पर सवाल खड़ा किया जा रहा है.

लेकिन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन यह मानते हैं कि राज्य की महिलाओं के आर्थिक स्वाबलंबन और आत्मनिर्भरता के लिए यह योजना जरूरी है.

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