बाबूलाल मरांडी ने जेएसएसी सीजीएल परीक्षा को रद्द करने की मांग करते हुये सीबीआई जांच कराने को कहा है.
दरअसल, झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने सीजीएल परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है.
आयोग ने 2000 से ज्यादा पदों के लिए ली गयी परीक्षा का परिणाम 4 दिसंबर की देर शाम को जारी किया.
सफल अभ्यर्थियों को डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया है.
हालांकि, इन नतीजों पर एक छात्रों का एक बड़ा तबका सवाल उठा रहा है. अभ्यर्थियों का आरोप है कि सेटिंग-गेटिंग वालों का चयन किया गया है.
आरोप ये भी लगे कि इसमें बाहरियों को नौकरी मिल जायेगी. विपक्ष ने भी हेमंत सोरेन सरकार पर हड़बड़ी में परिणाम जारी करने का आरोप लगाया.
बाबूलाल मरांडी ने तो नतीजों को रद्द कर सीबीआई जांच की मांग की है.
JSSC-CGL का मामला अभी कोर्ट में लंबित है, फिर भी JSSC द्वारा जल्दबाज़ी में परिणाम जारी कर दिया जाना बेरोज़गारों के गले नहीं उतर रहा।
दिलचस्प यह है कि छात्रों की आपत्ति पर JSSC के सचिव ने खुद कहा था कि जब तक मामला न्यायालय में है, तब तक CGL परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं होगा।… https://t.co/DeX4BTbr7D
— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 5, 2024
बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर गंभीर आरोप लगाये
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का कहना है कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत का मामला जब कोर्ट में लंबित है तो आयोग ने इतनी जल्दीबाजी में रिजल्ट क्यों जारी किया?
उन्होंने कहा कि आयोग की हड़बड़ी बेरोजगारों के गले नहीं उतर रही.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जब आयोग के सचिव ने खुद आश्वासन दिया था कि कोर्ट में मामला लंबित रहने तक रिजल्ट नहीं आयोग तो इतनी हड़बड़ी क्यों?
बाबूलाल मरांडी ने यह भी कहा कि आखिर सीएम हेमंत सोरेन पर किस बात का दबाव है?
जनवरी 2024 में हुई परीक्षा में भी लगे गड़बड़ी के आरोप
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 30 लाख रुपये में सीटें बेचने की साजिश का आरोप है.
सरकार ने इंटरनेट बंद कर परीक्षा का आयोजन कराया.
सोशल मीडिया में सितंबर महीने से ही 2 रोल नंबर घूम रहे हैं. इनपर गड़बड़ी का आरोप है. नतीजों में ये दोनों सफल घोषित किए गये हैं.
उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है लेकिन सरकार ने हडबड़ी दिखाई है.
बाबूलाल मरांडी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. गौरतलब है कि हेमंत सरकार के पिछले कार्यकाल में जनवरी 2024 में सीजीएल की परीक्षा ली गयी थी. पेपर लीक का आरोप लगा तो परीक्षा कैंसिल हुयी और जांच टीम का गठन हुआ. जांच की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है.
दूसरी बार जब परीक्षा ली गयी तो सरकार ने 2 दिन तक इंटरनेट बंद रखा.
तर्क दिया कि ऐसा कदाचार रोकने के लिए किया गया है लेकिन, परीक्षा बाद फिर गड़बड़ी के आरोप लगे. अब परिणाम जारी किया गया है. देखना होगा कि सरकार क्या कदम उठाती है.