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‘JSSC-CGL पर नहीं झुकी हेमंत सरकार तो सदन चलाना भूल जाये’, किस BJP विधायक ने दी चेतावनी

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JSSC-CGL रिजल्ट पर उठा विवाद थमता नहीं दिख रहा. 4 दिसंबर को रिजल्ट जारी होने के बाद से ही अभ्यर्थियों में नाराजगी है.

आज हजारीबाग बंद के दौरान अभ्यर्थियों को गुस्सा फूटा.

छात्रों ने हजारीबाग शहर में सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों को बंद कराया. गाड़ियां भी रोकी गयीं. इस दौरान सड़कों पर टायर जलाकर विरोध भी जताया. उनकी एक ही मांग है कि सीजीएल के रिजल्ट को रद्द करके नये सिरे से परीक्षा ली जाये.

और इससे भी पहले सरकार 21 और 22 सिंतबर को संपन्न हुई परीक्षा की सीबीआई जांच कराकर न्याय करे.

इधर, छात्रों के आंदोलन को विपक्ष का भी साथ मिल गया है. हजारीबाग सदर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक प्रदीप प्रसाद ने कहा कि इस सरकार में हमने केवल पेपर लीक ही सुना. कैसे पेपर लीक हो जाता है.

भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद ने क्या कहा
भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद ने कहा कि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करते हैं. कोई वेटर का काम करता है तो कोई होम ट्यूटर है. मुश्किल परिस्थितियों में संसाधन जुटाकर बच्चे तैयारी करते हैं और फिर इस प्रकार पेपर लीक हो जायेगा.

नौकरियां बेच दी जायेंगी तो कैसे चलेगा. प्रदीप प्रसाद ने कहा कि हम छात्रों के साथ हैं.

15 दिसंबर को राजधानी रांची में महा-आंदोलन होगा. उन्होंने कहा कि वह अपने साथ एनडीए के सभी 24 विधायकों को लायेंगे और छात्रों के हित में आवाज बुलंद करेंगे.

विपक्ष ने छात्रों के हक में बुलंद की आवाज
इस बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, जेएलकेएम विधायक जयराम महतो सहित विपक्ष के अन्य नेताओं ने भी कहा है कि सरकार को छात्रों की आवाज सुननी चाहिए.

उनकी शंका का समाधान करना चाहिए. मामले की सीबीआई जांच यदि निदान है तो सरकार को इसका प्रयास करना चाहिए.

जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक का पूरा मामला
दरअसल, अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों के बाद भी इसकी गहन जांच नहीं कराई गयी.

मामला कोर्ट में लंबित है, बावजूद इसके परिणाम जारी कर दिया गया.

अभ्यर्थियों का यह भी आरोप है कि लाखों में झारखंड के स्थानीय युवाओं का हक बाहरियों को बेच दिया गया. सेटिंग-गेटिंग वालों को नौकरी दी गयी. हजारीबाग से शुरू हुआ यह आंदोलन राज्य के अन्य हिस्सों तक फैलता दिख रहा है. अब बड़ा सवाल है कि क्या सरकार इसे स्वीकार करेगी?

आंदोलन कहां जाकर थमेगा.

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