आज अपने सीरिज में आगे बढ़ते हुए हम बात करेंगे दुमका की नाला विधानसभा सीट की.नाला वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो की सीट है. रवींद्रनाथ झारखंड निर्माण के बाद से एक दो बार नहीं बल्कि 3-3 बार नाला से विधायक निर्वाचित हुए हैं. सीटींग विधायक होने के नाते झामुमो से एक बार फिर रवींद्रनाथ महतो पर ही दांव लगा सकती है इसकी प्रबल संभावना है.
लेकिन आपको हम बता दें अपने सीरिज में हम झारखंड की कुछ ऐसी विधानसभा सीटों का विश्लेषण कर रहे हैं जहां 2019 में भाजपा आजसू के एक साथ नहीं होने का खामियाजा एनडीए को उठाना पड़ा था. हम बात कर रहे हैं 2019 के चुनावी आंकड़ों की. 2019 में अगर भाजपा आजसू एक साथ होते तो झारखंड के चुनावी नतीजे कुछ और होते.अब बड़ा सवाल यह है कि अब झारखंड में जब भाजपा आजसू एक साथ चुनाव लड़ने वाले हैं तो क्या भाजपा सरकार बनाने में सफल होगी ?
हम इससे पहले झारखंड की कई सीटों की चर्चा कर चुके हैं. इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए आज हम बात करेंगे नाला विधानसभा सीट की.
चुनाव आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 2019 के चुनाव में नाला से झामुमो प्रत्याशी रवींद्रनाथ महतो की जीत हुई थी. रवींद्रनाथ महतो को 61 हजार 356 वोट मिले थे. वहीं भाजपा प्रत्याशी सत्यानंद झा को 57 हजार 836 वोट मिले. भाजपा और झामुमो के बीच कांटे की टक्कर रही, वहीं आजसू प्रत्याशी माधव चंद्र महतो को 16 हजार 778 वोट मिले. भाजपा और आजसू के कुल वोट मिला दिया जाए तो इनका टोटल 74,614 वोट मिले यानी ये वोट झामुमो को मिले वोट से 13 हजार 258 वोट अधिक है.
नाला में झारखंड मुक्ति मोर्चा खासा दबदबा है. इसका अंदाजा हम नाला के विधानसभा चुनाव के इतिहास को देखकर लगा सकते हैं. 2005 से 2019 तक हुए चुनाव में यहां से भाजपा ने सिर्फ एक बार जीत हासिल की है.
2005 में रवींद्रनाथ महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट से जीते.
2009 में भाजपा के सत्यानंद झा ने रवींद्रनाथ महतो को हराकर विधानसभा पहुंचे.
2014 के विधानसभा चुनाव में रवींद्रनाथ ने अपनी हार का बदला लिया और भाजपा प्रत्याशी सत्यानंद झा को हराया. 2019 में भी रवींद्रनाथ महतो ने अपनी जीत दुहराई. 2019 में हेमंत सोरेन की सरकार बनने पर हेमंत सरकार ने रवींद्र नाथ महतो को सर्वसम्मति से 07 जनवरी 2020 को झारखंड विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया है. बता दें रवींद्रनाथ महतो साल 1990 में झारखंड मुक्ति मोर्चा से जुड़े थे. वे 1995 में झारखंड स्वायत्त परिषद के पार्षद भी रहे. रविंद्र नाथ महतो झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में जेल भी गये हैं. वे झारखंड आंदोलन में सक्रिय हुए थे.
नाला विधानसभा में मुख्यरुप से मुकाबला झामुमो और भाजपा के बीच ही रहा और रवींद्रनाथ महतो और सत्यानंद झा ने कुर्सी की लड़ाई लड़ी है. संभवत 2024 में भी यहां झामुमो भाजपा के बीच ही टक्कर होगी. हालांकि अब प्रत्याशी कौन होगा इस पर पार्टियां मंथन कर रही है.