झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक, हेमंत सोरेन से कर दी ये बड़ी मांग !

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Ranchi : विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने हेमंत सोरेन से क्यों पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय की मांग कर दी है. क्या है इसके पीछे की वजह.  झारखंड में विधानसभा चुनाव का शौर सुनाई देना शुरू हो गया है, सभी दल अपने अपने वोट बैंक को साधने में लगे हुए है.

इसी कड़ी में कांग्रेस ने ओबीसी समुदाय को साधने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. शनिवार को रांची में आयोजित काँग्रेसी की विस्तारित कार्यकारिणी बैठक में पार्टी ने ओबीसी समुदाय के उत्थान के लिए एक अहम निर्णय लेने को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया है. साथ ही इस बैठक में पार्टी नेताओं द्वारा प्रदेश की आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गई.

रांची में कांग्रेस की हुई महत्वपूर्ण बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, लोकसभा सांसद सप्तगिरि उल्का समेत प्रदेश कांग्रेस के सभी पूर्व पदाधिकारी, सभी जिला अध्यक्ष, जिला सचिव, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, अल्पसंख्यक कांग्रेस, ओबीसी कांग्रेस और अन्य विभागों के पदाधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति और मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चा की गई.

बहरहाल, पार्टी की माँग है कि झारखंड में ओबीसी कल्याण मंत्रालय का जल्द गठन किया जाए. जिससे कि इस समुदाय के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिल सके. इतना ही नहीं बैठक में तय किया गया कि कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल जल्द ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर इस पर चर्चा करेगा.

इसके अलावे कांग्रेस का कहना है कि आदिवासी समुदाय के साथ साथ बाकि अन्य समुदाय पहले से ही महागठबंधन के साथ मजबूती से खड़ा है.. ऐसे में अगर ओबीसी को अपने साथ जोड़ जा सके तो भाजपा के लिए सत्ता में वापसी करना मुश्किल हो जाएगा.

वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और बिहार के तर्ज पर झारखंड में भी सरकार पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए एक अलग पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय का गठन करे. आगे कहा कि झारखंड में जहां-जहां नगर निगम है, वहां पर नगर और महानगर कांग्रेस कमेटी का गठन किया जाएगा. इस प्रस्ताव को हम ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में भेजेंगे.

लेकिन सवाल तो यहां ये भी है कि आखिर काँग्रेस इतने दिनों से पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय की मांग क्यों नहीं कर रहा था, क्या कांग्रेस के लिए महज ये एक चुनावी मुद्दा ही है. बहरहाल कुछ भी हो लेकिन सबसे ज्यादा दिलचस्प बात तो ये होगा कि क्या हेमंत सोरेन कांग्रेस की इस डिमांड को विधानसभा चुनाव से पहले पूरा करते भी है या नहीं.

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