अवनी लखेरा

अवनी लखेरा ने 11 साल की उम्र में खो दिया आधा शरीर, अब 3 ओलंपिक गोल्ड मेडल जीत लाईं

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अवनी लखेरा ने पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीत लिया. अपनी लखेरा ने टोक्यो ओलंपिक में भी 2 मेडल हासिल किए थे.

अवनी ने टोक्यो ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच-1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक पर निशाना साधा था.

अवनी लखेरा ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला एथलीट बन गई हैं.

गौरतलब है कि अवनी लखेरा ने टोक्यो ओलंपिक में 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. गौरतलब है कि लगातार 2 ओलंपिक गेम्स में 2 गोल्ड सहित तीन पदक जीतने वालीं अवनी की जिंदगी कभी आसान नहीं रही.

लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है.

11 साल की उम्र में अवनी के साथ हुआ था हादसा

दरअसल, साल 2012 में अवनी एक कार हादसे का शिकार हो गई थीं. तब अवनी की उम्र महज 11 साल थी.

इस हादसे ने अवनी की जिंदगी को हमेशा के लिए बदलकर रख दिया. कार हादसे में लगी चोटों की वजह से अवनी पैराप्लेजिया से पीड़ित हो गईं.

पैराप्लेजिया दरअसल, रीढ़ की हड्ढी में लगी गंभीर चोट है जिसकी वजह से उनके बदन की निचला हिस्सा निष्क्रिय हो गया. उनकी रीढ़ की हड्डी का पूरा तंत्रिका तंत्र क्षतिग्रस्त हो गया था.

सबको लगा कि अवनी के लिए बाकी की जिंदगी मुश्किल होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

अवनी के पिता ने उन्हें स्पोर्ट्स खेलने को कहा था

अवनी के पिता ने उन्हें स्पोर्ट्स खेलने के लिए प्रेरित किया. पहले उन्होंने तीरंदाजी का प्रशिक्षण लिया और फिर उनकी रूचि शूटिंग में जागी. केंद्रीय विद्यालय (जयपुर) में स्कूली शिक्षा हासिल करने के दौरान ही अवनी ने रीजनल गेम्स में पदक जीतना शुरू कर दिया था.

अवनी को वर्ष 2021 में स्पोर्ट्स के क्षेत्र में शानदार योगदानन के लिए खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

यह भारत में दिया जाना वाला सर्वोच्च खेल पुरस्कार है. अवनी मौजूदा समय में राजस्थान विश्वविद्यालय से लॉ की पढ़ाई कर रही हैं.

पीएम मोदी ने अवनी लखेरा को बधाई दी है

पीएम मोदी ने पेरिस पैरालंपिक्स गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने पर अवनी लखेरा को बधाई दी है.

उन्होंने लिखा कि पैरालंपिक 2024 में भारत ने अपना पदक का खाता खोला. अवनी लखेरा ने आर2 महिला 10 मीटर एयर राइफल एसएच-1 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता. उनको बहुत बधाई. उन्होंने इतिहास भी रच दिया है क्योंकि वह 3 पैरालंपिक मेडल हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हैं.

उनका समर्पण भारत को गौरवान्वित करता है.

 

 

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