यूनिफाइड पेंशन स्कीम को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. क्या है यूनिफाइड स्कीम, कब लागू होगा, इसके दायरे में कौन आएंगे, कैसे बनाई गई पेंशन स्कीम. दरअसल, शनिवार को यूनिफाइट पेंशन स्कीम को केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी मिल गई. पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में एकीकृत पेंशन योजना यानी यूपीएस पर मुहर लगी.
यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्या है ?
यूपीएस के तहत अब केंद्र के कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन दिया जाएगा जो रिटायरमेंट से पहले माने 12 महीने की ऐवज बेसिक सैलरी का 50 फीसदी होगा. कर्मचारियों को इस पेंशन का लाभ लेने के लिए कम से कम 25 साल तक काम करना होगा. तभी इसका लाभ उन्हें मिल पाएगा. वहीं अगर किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है तो ऐसे में परिवार को भी एक निश्चित पेंशन दिया जाएगा. जो कर्मचारी को मिलने वाले पेंशन का 60 फीसदी होगा. इसके अलावा मिनिमम एश्योर्ड पेंशन भी दिया जाएगा.
जिसका मतलब है कि जो लोग 10 साल तक नौकरी करते हैं तो उन्हें कम से कम 10 हजार रूपये की पेंशन दी जाएगी. बता दें कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम अगले साल 1 अप्रैल 2025 तक लागू हो जाएगी. केंद्र सरकार के मुताबिक UPS का लाभ उन केंद्रीय कर्मचारियों को भी मिलेगा, जो 2004 के बाद से NPS में कवर्ड थे और रिटायर हो चुके हैं. साथ ही ऐसे केंद्रीय कर्मचारी जो 31 मार्च, 2025 तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं या हो चुके हैं, उन्हें भी यूपीएस का लाभ मिलेगा.
बता दें कि फिलहाल केंद्र सरकार के कर्मचारियों को NPS माने न्यू पेंशन स्कीम का लाभ मिल रहा है. हालांकि इस स्कीम में उन्हें निश्चित पेंशन नहीं मिलती है. यही नहीं न्यू स्कीम पेंशन का लंबे समय से विरोध भी होता आया है और इसमें बदलाव की मांग उठती रही है. साथ ही साल 2004 में खत्म ओल्ड पेंशन स्कीम को दोबारा वापस लाने की मांग की जा रही थी.
बता दें कि ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत इसमें एक निश्चित पेंशन मिला करता था. हालांकि साल 2023 में पीएम मोदी ने तात्कालीन वित्त सचिव टीवी सोमनाथ की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी में एनपीएस में सुधार के लिए गठित किया गया था.
इसमें राज्यों के वित्त सचिव, एम्पलाई यूनियन और केंद्रीय कर्मचारी संगठनों के साथ विस्तृत चर्चा और मशविरा के बाद यूनिफाइड पेंशन स्कीम लाने की सिफारिश की. हालांकि शानिवार को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी.
NPS,OPS और UPS में क्या अतंर है ?
अब कुछ लोगों को यहां समझने में थोड़ा कंफ्यूजन हो रहा होगा कि एनपीएस, ओपीएस औऱ यूपीएस में क्या अंतर है. चलिए जानते हैं.
दरअसल, यूपीएस के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लाभ दिया जाएगा. वहीं एनपीएस के तहत प्राइवेट और सरकारी दोनों कर्मचारी अकाउंट ओपन करा सकते है जबकि
ओपीएस सरकारी कर्मचारियों के लिए है, इस पेंशन में वेतन से किसी तरफ की कोई कटौती नहीं होती है, जबकि एनपीएस में वेतन से 10 प्रतिशत तक की कटौती होती है. वहीं यूपीएस में सैलरी का 50 फीसदी कटेगा, लेकिन सरकार की ओर से 18.5 प्रतिशत का योगदान किया जाएगा.
इतना ही नहीं! ओपीएस में जीपीएफ माने जनरल प्रोविडेंट फंड की सुविधा है जबकि एनपीएस में यह सुविधा नहीं है, वहीं यूपीएस में एकमुश्त राशि रिटायरमेंट के बाद दी जायेगी.