सांसदों को मिलते हैं इतने वेतन और भत्ते जानकर आप हो जाएंगे हैरान !

|

Share:


विधायकों की तरह ही इन सांसदों की सैलरी भी लाखों में होती है. जी न्युज के रिपोर्ट के अनुसार वैसे तो एक सांसद का मूल वेतन 1 लाख रुपये है लेकिन इसके अलावा इनको ऑफिस भत्ते के रूप में 54 हजार रुपये और निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में 49 हजार रुपये दिए जाते हैं. अगर इनकी सैलरी सहित कुल भत्ते की बात की जाए तो एक महीने में सैलरी सहित भत्ते मिलाकर सांसदों को प्रतिमाह करीब 2 लाख के भी ऊपर पैसे मिलते हैं.

बता दें संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन अधिनियम, 1954 के अंतर्गत सांसदों को वेतन के अलावा कई सुख सुविधाएं मिलती हैं. इन सुविधाओं में यात्रा भत्ता, चकित्सा सुविधाएं, आवास, टेलीफोन भत्ता आदि मिलते हैं. आपको बता दें कि ये आंकड़े हमारे अपने नहीं है बल्कि भारत सरकार की लोकसभा सचिवालय की रिपोर्ट और विश्वसनीय वेबसाइट से ये लिए गए हैं.

वहीं इन्हें सलाना मिलने वाली भत्तों की बात करें तो डायरेक्ट एरियर 3 लाख 80 हजार रु, हवाई सफर भत्ता 4 लाख 8 हजार रु, रेल सफर भत्ता 5 हजार रु, पानी भत्ता 4 हजार रुपए रु, बिजली भत्ता 4 लाख रु जैसे कई भत्ते शामिल हैं. रिपोर्ट से प्राप्त आंकड़ों की माने तो एक सांसद को सैलरी के अलावा करीब 1 लाख 51 हजार 833 रुपए भत्ते के रुप में प्रतिमाह प्राप्त होते हैं यानी वेतन औऱ भत्ते दोनों को जोड़ दिया जाए तो करीब करीब 2 लाख 51 हजार रु प्रति महिने भारत के हर सांसदों को प्राप्त होते हैं. इनको मिलने वाले सिर्फ भत्ते का सलाना आंकड़ा जानकर आप अपने सिर पर हाथ रख लेंगे. तो आपको बता दें कि सरकार एक सांसद के सिर्फ भत्ते पर हर साल लगभग 18 लाख 22 हजार रुपए खर्च करती है.

रिपोर्ट बताती हैं कि सरकार एक सांसद पर वेतन तथा भत्ता जोड़कर तकरीबन 35 लाख रुपए खर्च करती है.
नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वाली एक चौथाई से ज्यादा आबादी गरीबी रेखा से नीचे है, भारत के ग्रामीण हिस्सों में रहने वाली कुल आबादी में से 25.7% गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है, जबकि शहरी क्षेत्रों में 13.7% आबादी गरीबी रेखा से नीचे रहती है. कहने का मतलब है ये लोग जो गरीबी रेखा के नीचे आते हैं ये एक दिन में महज 27 रुपए तक खर्च करने में असमर्थ होते हैं. ऐसे देश में विधायक और सासंदों पर सरकार लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है.

इतना ही नहीं आगे भी सुनिए, सांसदों को मिलने वाली सुविधाओं की लिस्ट में किसी भी चीज की कमी नहीं है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इन सांसदों को मिलने वाली सैलरी पर कोई टैक्स नहीं लगता, वहीं देश का आम आदमी जितना कमाता नहीं है उतना टैक्स भरने में परेशान हो जाता है. न्यायपूर्ण लोकतांत्रिक व्यवस्था में ये व्यवस्था कितना न्यायोचित हैं.

सांसदों को मिलने वाले भत्ते कई तरह के होते हैं, जिनमें कई सुविधाएं इनके परिवार के लोगों के लिए भी होती हैं. इसमें वाइफ या पार्टनर के लिए साल भर में 34 हवाई सफर फ्री होते हैं. इसके साथ अनलिमिटेड ट्रेन का सफर और संसद सत्र के दौरान घर से दिल्ली तक सालाना 8 हवाई सफर भी बिल्कुल फ्री होते हैं. ये उसी देश के सांसद हैं जहां की आधी से अधिक आबादी आज तक हवाई जहाज के महंगे टिकट के कारण हजाई जहाई की यात्रा नहीं कर पाई है.

जहां एक ओर केंद्र और राज्य सरकार देश में फ्री देने का वादा पूरा नहीं कर पाती है वहां एक सांसद को 50 हजार यूनिट बिजली मुफ्त में मिलती है. उसके साथ इन्हें 1 लाख 50 हजार कॉल्स भी फी मिलते हैं, साथ ही जिस देश में लगभग 41 प्रतिशत लोगों को साफ पीने का पानी नहीं मिल पाता है वहां के एक सांसद को 40 लाख लीटर पानी बिल्कुल फ्री मिलता है. इसके साथ रहने के लिए सरकारी आवास मिलता है जिसमें सारे फर्नीचर और एयरकंडीशन, और इनका मेंटेनेंस भी बिल्कुल फ्री है.

इन सांसदों को तो अपने कार्यकाल के समय दुनिया भर के भत्ते मिलते ही हैं वहीं इनके कार्यकाल की समाप्ति के बाद भी इनको मिलने वाले सुविधाओँ में कोई कमी नहीं आती है.जब सांसद का कार्यकाल पूरा हो जाता है तो उन्हें पेंशन के रुप में हर महिने 20 हजार प्रति महीने मिलते हैं. इसके अलावा किसी दिवंगत सदस्य के परिवार को भी पेंशन का लाभ मिलता है. सदस्य के मृत्यु के समय उसे मिलने वाली पेंशन के 50 प्रतिशत की दर से परिवार को पेंशन दिया जाता है. यह पेंशन पत्नी, पति या आश्रित के शेष जीवन तक मिलती रहती है.

पूर्व सदस्यों को यात्रा के भत्ते भी मिलते हैं पूर्व सांसद अपने पहचान पत्र के आधार पर अपने किसी साथी के साथ किसी भी ट्रेन में एसी टू टियर दर्जे की यात्रा कर सकते हैं. पूर्व सदस्यों को चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उसी दर पर मिलता है जिस दर पर सदस्य रहते हुए उन्हें प्राप्त था.

देश में सांसद विधायक जनता की सेवा करने के लिए चुने जाते हैं, देश की बेहतरी के काम के लिए चुने जाते हैं. हमें उन्हें मिलने वाले वेतन भत्तों से हमें कोई नाराजगी नहीं है लेकिन अगर सरकारी खजाने में सरकार के पास इतनी संपत्ति है और इतनी मुफ्त सुविधाएं उपलब्ध करा पाती हैं तो इसी खजाने की संपत्ति आम जनता की भलाई के लिए क्यों नहीं उपयोग किए जाते हैं. जितनी सुविधा एक सांसद को दी जा रही है,उतनी सुविधाएं देश के आम जनता को, युवा बेरोजगार को, विद्यार्थियों को और जरुरतमंदों को दी जाए तो देश की तस्वीर जमीनी स्तर पर सच में बदल सकती है.

Tags:

Latest Updates